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गर्मी में भी हॉजराफॉल पर्यटकों से हो रहा गुलजार

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले की छत्तीसगढ़ सीमा से सटी दुर्गम आदिवासी बहुल नक्सल प्रभावित तहसील सालेकसा में स्थित हॉजराफॉल इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भीषण गर्मी से यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या में कमी तो आई है, लेकिन पर्यटकों का आना लगातार जारी है। नवरात्रि पर्व शुरू रहने के करण इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए जा रहे हैं। इसी दौरान अनेक श्रद्धालु मार्ग पर ही पड़ने वाले हॉजराफॉल पर्यटन स्थल के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए भी यहां पहुंच रहे हैं। हॉजराफॉल में वन पर्यटन की जिम्मेदारी संयुक्त वन प्रबंधन समिति नवाटोला द्वारा संभाली जाती है। समिति के अध्यक्ष गोविंद मरस्कोल्हे ने बताया कि समिति द्वारा इस पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां दो प्राइवेट हाेटल एवं समिति की ओर से एक कैंटीन भी चलाई जा रही है। ताकि यहां आनेवाले पर्यटकों को खाने-पीने की परेशानी न हो। इसके अलावा यहां पर साहसिक पर्यटन की व्यवस्था की गई है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बांबू हट बनाए गए हंै। तथा विद्यार्थियों को इस क्षेत्र के वैभव एवं प्राकृतिक संपदा से अवगत कराने के लिए जगह-जगह जानकारी देने वाले बोर्ड भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों गर्मी काफी तेज पड़ रही है, जिससे जलप्रपात में पानी कम हो गया है। फिर भी प्रतिदिन यहां 70 से 100 के बीच पर्यटक पहुंच रहे हैं। सार्वजनिक अवकाश के दिन एवं त्यौहार आदि के समय पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। यहां आनेवाले पर्यटकों से प्रवेश द्वार पर प्रवेश शुल्क एवं वाहन पार्किंग का किराया लिया जाता है। इससे होने वाली आय का 60 प्रतिशत यहां कार्यरत मानसेवी स्वयंसेवकों को दिया जाता है। जबकि 40 प्रतिशत राशि विकास कार्यों में खर्च होती है।
युवाओं को मिल रहा रोजगार
गोविंद मरस्कोल्हे, अध्यक्ष, वन व्यवस्थापन समिति, नवाटोला के मुताबिक हॉजराफॉल पर्यटन क्षेत्र में इस समय 32 युवक गाइड का कार्यरत हैं। जबकि 22 अन्य युवक दूसरे कार्यों में लगे हुए है। इस तरह कुल 54 युवकों को यहां अब रोजगार का अवसर उपलब्ध हुआ है। जैसे-जैसे पर्यटन का विस्तार होगा वैसे-वैसे इनके अलावा अन्य लोगों को भी और रोजगार उपलब्ध होंगे। स्वयंसेवकों के अलावा अनेक छोटे-बड़े दुकानदारों को भी यहां रोजगार उपलब्ध हो रहा है। बारिश के मौसम में यहां का नजारा अत्यंत लुभावना और आकर्षक होता है। यह पर्यटन स्थल इस आदिवासी बहुल तहसील की शान है।
Created On :   7 April 2022 6:49 PM IST