प्रशासकीय इमारतों में लगे हैं एक्सपायरी हो चुके फायर नियंत्रक यंत्र

Expired fire control devices are installed in administrative buildings
प्रशासकीय इमारतों में लगे हैं एक्सपायरी हो चुके फायर नियंत्रक यंत्र
लापरवाही प्रशासकीय इमारतों में लगे हैं एक्सपायरी हो चुके फायर नियंत्रक यंत्र

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। शहर के ह्दय स्थल जयस्तंभ चौक पर करोड़ों रुपए की लागत से प्रशासकीय इमारत का निर्माण 4 साल पूर्व किया गया है। इमारत में लगभग सभी शासकीय कार्यालयों का समावेश है, लेकिन जब इस इमारत का निर्माण किया गया था, तब 31 अगस्त 2017 को फायर नियंत्रक यंत्र को रिफिल किया गया था और उसके कालबाह्य होने की तिथि 30 अगस्त 2018 थी। तब से लेकर अभी तक फायर नियंत्रक यंत्र को दोबारा रिफिल नहीं किया गया है। जिसे 3 साल से अधिक का समय बीत चुका है। यदि किसी दिन इस इमारत में आगजनी की घटना होती है तो, आग को नियंत्रण में लाने के लिए यह यंत्र काम नहीं आएंगे। ऐसे में प्रशासन आगजनी की घटना से बचने के लिए कितना गंभीर है? इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि, इसी वर्ष जनवरी माह में भंडारा जिले के शासकीय अस्पताल में आगजनी की घटना हुई थी। जिसमें 10 मासूम बच्चों की मृत्यु हुई थी। इसी प्रकार कुछ साल पूर्व गोंदिया शहर के बाजार में स्थित होटल बिंदल प्लाजा में जिले की सबसे बड़ी आगजनी की घटना भी हो चुकी है। इसमें भी करीब 7 लोगों की मौत हुई थी। इतना ही नहीं राज्य के अनेक जिलों में प्रतिदिन आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। इसके बावजूद सरकारी इमारत में फायर ऑडिट नहीं होना काफी गंभीर बात है। भंडारा में घटी घटना के बाद स्वयं मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी अस्पतालों में फायर एवं इलेक्ट्रिक ऑडिट करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट होकर फायर ऑडिट करने लगा, लेकिन जिले में स्थित अन्य बड़ी शासकीय इमारतों की ओर अनदेखी की गई। गोंदिया की प्रशासकीय इमारत में लगे अग्निशमन यंत्र कालबाह्य हो चुके हैं। 31 अगस्त 2017 को अग्निशमन यंत्र को रिफिल किया गया था। जिसके कालबाह्य होने की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2018 है। 3 वर्ष बीतने के बावजूद अग्निशमन यंत्र को दोबारा रिफिल नहीं किया गया है। इसके बावजूद तहसील प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। आग की घटना होने के बाद भी प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता। समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आगजनी की घटना में तहसील प्रशासन पर ही सवालिया निशान उठने लगेंगे। 

वरिष्ठों को कराया गया अवगत 

अनिल खड़तकर, अपर तहसीलदार के मुताबिक जब प्रशासकीय इमारत का निर्माण हुआ था, तब फायर नियंत्रक यंत्र को रिफिल किया गया था, लेकिन उसके बाद फायर ऑडिट नहीं हो पाया है। इस संदर्भ में वरिष्ठों को अवगत कराया गया है।। 

 

 

Created On :   25 Nov 2021 6:14 PM IST

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