किसान फिर मुसीबत में, 33% से कम नुकसान होने पर नहीं मिलेगा मुआवजा

Farmers again in trouble, less than 33% loss will not get compensatio
किसान फिर मुसीबत में, 33% से कम नुकसान होने पर नहीं मिलेगा मुआवजा
किसान फिर मुसीबत में, 33% से कम नुकसान होने पर नहीं मिलेगा मुआवजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के इंतजार में बैठे हजारों किसानों को  मुआवजे से वंचित रहना पड़ सकता है। वर्तमान नियमों पर गौर करें तो 33 प्रतिशत से कम नुकसान होने पर पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिल सकता और जिले में अधिकांश किसानों का नुकसान 33 फीसदी से कम होने का प्राथमिक अनुमान है। जिले में जो वृष्टि हुई, वह अतिवृष्टि न होकर बेमौसम बारिश मानी जा रही है। 

काम युद्धस्तर पर जारी 
अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के पंचनामे का काम युद्धस्तर पर जारी है। ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में लगभग 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बारिश से प्रभावित हुआ और अभी तक 4 हजार हेक्टेयर के पंचनामे तैयार हो चुके हैं। सरकार से नए दिशा-निर्देश नहीं आने से प्रशासन पुरानी शर्तों-नियमों के आधार पर ही पंचनामा कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, जिस तरह कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाड़ा में फसलें बर्बाद हुईं, उस हिसाब से जिले में फसलें बर्बाद होने का प्रमाण कम है। जिले में फसलों का नुकसान तो हुआ है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर 33 प्रतिशत से कम नुकसान है।  

बीमा कंपनियां भी दे सकती हैं किसानों को झटका 
जिन किसानों ने फसल कर्ज लिया है, उन फसलों का बीमा हो चुका है। बीमा कंपनियों के नियम आैर भी सख्त हैं। सरकार के निर्देश पर बीमा कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर फसल बर्बादी के आंकड़े जुटा रही है। अधिकांश स्थानों पर हुए फसलों का नुकसान बीमा कंपनी के नियमों पर खरा उतरता नहीं दिख रहा, क्योंकि बीमा कंपनी अभी भी अपने पुराने नियमों पर ही काम कर रही है। बीमा कंपनी संबंधित मंडल में हुए कुल नुकसान को पैमाना मानती है। 

सबसे ज्यादा नुकसान
जिले में सबसे ज्यादा नुकसान कपास का हुआ है। इसके बाद सोयाबीन व तीसरे नंबर पर नुकसान में धान की फसल है। जिले में नुकसान के मामले में तुअर चौथे नंबर पर है। जिले में तुअर केवल 50 हजार हेक्टेयर में ही ली जाती है। जिले में रामटेक, उमरेड व मौदा में धान की ज्यादा फसल ली जाती है। बेमौसम बारिश से यहां धान का काफी नुकसान हुआ है।

Created On :   6 Nov 2019 5:01 AM GMT

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