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किसानों ने मुआवजे के लिए निर्माण विभाग से लगाई गुहार
डिजिटल डेस्क, खामगांव. रास्ते का निर्माण कार्य करते समय रास्ते को नाप कर लेने के बाद आगे की कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन ऐसा न करने के कारण कई समस्याएं निर्माण होकर इस संदर्भ में मामले प्रलंबित है़। जिस कारण काम का मुआवजा मिलने के लिए किसानों ने स्थानीय उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने २७ जून से बेमियादी अनशन शुरू होकर दूसरे दिन मंगलवार को जारी रहा हैं। इस संदर्भ में उन्होंने सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के कार्यकारी अभियंता को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया हैं कि, वर्ष २०१४ में माटरगांव से भास्तन रास्ते का उंचाईकरण का काम करते समय सार्वजनिक निर्माण कार्य उपविभाग जलगांव जामोद अधिकारियों ने रास्ते का कॉन्ट्रैक्ट देते समय खेती को किसी भी तरह को न नापते एवं मुआवजा न देते हुए रास्ते का काम डी.पी. जैन कंपनी नागपुर को दिया। यह काम करते दौरान खेती का नामजोख न करते हुए भूसंपादन तथा सीधे खरीदी न करते हुए किसानों की खेती पर कब्जा कर रास्ते का काम पूरा किया। इस बारे में सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग खामगांव को बार-बार भेंट दी। लेकिन विगत सात सालो से टालमटोल के जवाब किसानों को मिल रहे हैं। इस लिए पीड़ित सभी किसानों की खेत जमीन सीधी खरीदकर मुआवजा मिलने के लिए किसानों स्थानीय उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने २७ जून से बेमियादी अनशन शुरू किया हैं। जो दूसरे दिन मंगलवार को जारी रहा है।
यह है शामिल
इस अनशन में श्रीकृष्ण मरी वाकोडे, एकनाथ नामदेव बाठे, शेख आशिद शेख मुनाफ, महादेव भिकाजी सपकाल, धोंडू विश्वनाथ बाठे, शेख बुडन शेख जमाल शामिल हुए हैं। उस बेमियादी अनशन को वंचित बहुजन आघाड़ी के जिलाध्यक्ष गणेश चौकसे एवं पदाधिकारियों ने भेंट देकर अपना समर्थन घोषित किया।
Created On :   29 Jun 2022 5:45 PM IST