किसान कर रहे सरकारी गारंटी केंद्र शुरू होने का इंतजार

Farmers are waiting for the government guarantee center to start
किसान कर रहे सरकारी गारंटी केंद्र शुरू होने का इंतजार
खामगांव किसान कर रहे सरकारी गारंटी केंद्र शुरू होने का इंतजार

डिजिटल डेस्क, खामगांव. सोयाबीन की कटाई जल्द की जाएगी और १५ दिन बाद कृषि उपज मंडी में कृषिउपज आ जाएगी। कृषिउपज बाजार में आने के पहले ही गारंटी मूल्य केंद्र शुरू करने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है। अगर गारंटी केंद्र देरी से शुरू होते हैं, तो इससे किसानों से ज्यादा व्यापारियों को फायदा होता है। बाजार में कृषि उपज की बिक्री शुरू होने के बाद गारंटी केंद्र पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाता है। जिस कारण गारंटी केंद्र किसानों के ज्यादा काम के नहीं है। किसान पहले से ही संकट में है, उन पर बैंकों का पैसा बकाया है, साथ ही अन्य बकाया भी चुकाना होगा। इसके चलते उसे खेत की उपज निकलते ही बेचनी पड़ती है। किसान कृषि उपज को निकलने के बाद मिले उस दाम में बेचना पड़ता है, जिस कारण केंद्र का फायदा किसानों से ज्यादा व्यापारी को होता हैं। एक किसान को साल भर खेत में खेती करने के लिए बीज, रासायनिक खाद और जुताई पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। इसके लिए किसान कर्ज की रकम लेकर जुगाड़ करते हैं तथा कृषिउपज आने के बाद, इस कर्ज राशि को चुकाने के लिए भागदौड़ करता है। जिस कारण किसानों की कृषिउपज बाजार में बिक्री के लिए आते ही उस समय व्यापारी अधिक से अधिक माल खरीदी कर जमा कर रखते हैं। पश्चात शासकीय खरेदी केंद्र शुरू होते ही व्यापारी केंद्र चालक से मिलकर कम दाम मेंं खरेदी किया किसानों की कृषि उपज अधिक दाम से शासन को बेच देते हैं। जिस कारण उस केंद्र का लाभ किसानों से अधिक व्यापारियों को हो जाता है। इस लिए कृषिउपज बाजार में आने के पहले यह केंद्र शुरू किए जाए।

गारंटी केन्द्र विलंब से खुलने पर व्यापारियों को लाभ 

पंद्रह दिनों के बाद सोयाबीन कटाई पर आ जाएगी, सोयाबीन की कटाई के बाद कई किसानों के पास जमा रखने के लिए जगह न होने से तथा बारिश होने पर सोयाबीन का नुकसान होता है। जिस कारण कई किसान कृषि उपज निकलते ही उसकी बिक्री करते हैं। गारंटी केंद्र देरी से शुरू होते हैं, इससे व्यापारियों को ही फायदा होता है। व्यापारी किसानों का कम दाम में माल खरीदी करते हैं एवं यह माल केंद्र पर बेचते हैं।

एफएक्यू में दें ढील 

सरकार ने सोयाबीन फसल आने के पहले गारंटी मूल्य केंद्र शुरू करने चाहिए। उसी तरह एफएक्यू की शर्त में ढील देनी चाहिए। किसान समर्थन मूल्य केंद्र में सोयाबीन की बिक्री करेंगे। इस गारंटी केंद्र पर लाइन लगाकर नंबर आने पर कृषि उपज को रिजेक्ट किया जाता है, जिससे किसानों को बिना वजह नुकसान हो जाता है।

Created On :   3 Oct 2022 6:10 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story