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सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया खाद का उपयोग करें किसान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में खरीफ मौसम में प्रमुखता से धान फसल का उत्पादन लिया जाता है। खरीफ मौसम में धान, तुअर, मूंग, उड़द आदि फसलों का समावेश होता है। फिलहाल खरीफ मौसम की तैयारी शुरू हो चुकी है। किसान खेत में काम करते नजर आ रहे हैं। खरीफ मौसम में किसान फसल में अच्छे उत्पादन के लिए डीएपी खाद का उपयोग करते हैं। जिससे डीएपी खाद की मांग में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। जिसकी प्रति बैग की कीमत 1350 रुपए तक हो गई है। इस वर्ष डीएपी खाद की कमी होने की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। डीएपी खाद के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया खाद का उचित उपयोग कर कम खर्च में अधिक उत्पादन किसान ले। यह आह्वान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चव्हाण व कृषि विकास अधिकारी महेंद्र सलामे ने किया है। डीएपी की एक बैग कीमत 1350 रुपए है। जिसमें 9 किलो नत्र व 23 किलो स्फुरद होकर 31 किलो खाद होती है। इसके अलावा 1470 रुपए में सिंगल सुपर फास्फेट की 3 बैग ली जाए तो 20 किलो यूरिया, 9.21 किलो नत्र, 24 किलो स्फुरद, 16.5 किलो गंधक, 31.5 किलो कैल्शियम इस तरह 81.21 किलो खाद मिलती है। यह सभी घटक धान फसल व अन्य फसल के लिए महत्वपूर्ण है।
सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया का साथ में उपयोग किया जाए तो यह डीएपी से भी अच्छा होता है। क्योंकि सिंगल सुपर फास्फेट में सल्फर व कैल्शियम होता है व यूरिया से नाइट्रोजन की उपलब्धता होती है। इससे धान फसल में कचरे का प्रमाण काफी कम होता है। उसी प्रकार फसल की वृद्धि भी अच्छी तरह से होती है। किसानों द्वारा डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट व यूरिया खाद का उचित उपयोग किया जाए। ताकि, रोपाई खर्च कम होकर उत्पादन में वृद्धि हो सके। यह जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चव्हाण व कृषि विकास अधिकारी महेंद्र मलामे ने दी है।
Created On :   7 Jun 2022 7:17 PM IST