बस में फिर लगी आग, खतरा बन रहा पेट्रोल टंकियों के परिसर में वाहनों का जमावड़ा

Fire in the bus again, the gathering of vehicles in the premises of petrol tanks is becoming a threat
बस में फिर लगी आग, खतरा बन रहा पेट्रोल टंकियों के परिसर में वाहनों का जमावड़ा
शहडोल बस में फिर लगी आग, खतरा बन रहा पेट्रोल टंकियों के परिसर में वाहनों का जमावड़ा

डिजिटस डेस्क शहडोल बसों में आग लगने की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यालय में दो दिन के भीतर शनिवार को फिर बस में आग लगने की घटना हुई। यह घटना भी यातायात थाना के ठीक सामने और पेट्रोल टंकी के पास हुई। इस बार आग खड़ी बस में लगी। लगातार हो रही घटनाओं को लेकर प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है। क्योंकि नियम विरुद्ध तरीके से जिसका जहां मन आया खटारा व अन्य प्रकार के वाहन खड़े किए जा रहे हैं। खासकर संवेदनशील क्षेत्र पेट्रोल टंकियों के परिसर में बड़ी संख्या में वाहनों को खड़ा कर गैराज का रूप दिया गया है। जबकि पूर्व में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वाहनों को हटाने की मुहिम चलाई गई थी, लेकिन ठण्डे बस्ते में चली गई है। इस प्रकार की लापरवाही को देखकर लग रहा है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। दोनों बार के हादसे पेट्रोल टंकियों के आसपास ही हुए हैं। यदि वाहनों को हटाने की कार्रवाई नहीं की गई तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
पूरी तरह जल गई बस
यातायात थाना के ठीक सामने खड़ी प्रयाग ट्रेवल्स की बस में आज सुबह आग लगी। बस में भड़की आग को देखकर वहां मौजूद लोगों ने मामले की जानकारी सोहागपुर थाने व दमकल को दी। मौके पर पहुचे दमकल की टीम ने घण्टों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान बस पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। 2 दिन पहले मैकेनिक के दुकान में खड़ी 2 बसों में अचानक आग लगी थी। स्थानीय लोगों की मांग है कि उक्तक्षेत्र में बसों को हटाया जाए। 
ठण्डी पड़ी वाहन हटाने की मुहिम
कुछ साल पहले बाणगंगा पेट्रोल टंकी के पास खड़ी एक बस में आग लगने की घटना हुई थी। जिसमें दो बच्चों की जलने से दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने टंकियों के आसपास किसी भी प्रकार के वाहनों को खड़ा करना प्रतिबंधित कर दिया था। साथ ही मेन रोडों के किनारों से वाहनों को हटवाया गया था। लेकिन यह अभियान और कार्रवाई बंद कर दी गई है। बस स्टैण्ड के पास स्थित दोनों टंकियों के आसपास दर्जनों वाहन खड़े हुए हैं। कई खटारा हैं तो कुछ को विश्राम देने के लिए दिन रात खड़ा करके रखा जाता है। जबकि वाहनों को मालिकों द्वारा निर्धारित गैराज में खड़ा किया जाना चाहिए। इस ओर न तो नगरपालिका और न ही यातायात विभाग द्वारा कोई पहल की जा रही है।
इनका कहना है
वाहनों को व्यवस्थित कराने की मुहिम चलाई जाएगी। यातायात और ट्रेफिक विभाग को देखना चाहिए कि खटारा वाहन कैसे और क्यों सड़कों पर दौड़ते हैं।
अमित तिवारी, मुख्य नपाधिकारी

Created On :   7 Feb 2022 4:40 PM IST

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