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बीड जिले में पांच मोरों की मौत, नागपुर में बर्ड फ्लू से मारी गई मुर्गियों पर होगी नुकसान भरपाई

डिजिटल डेस्क, बीड। शुक्रवार सुबह जिले के शिरूर कासार इलाके के लोनी शिवारा में पांच मोर मृत पाए गए। जिले के कुछ गांवों में बर्ड फ्लू फैल रहा है, तो पिछले पखवाड़े में कुछ पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत भी हुई है। ऐसी परिस्थितियों में इसे संदिग्ध माना जा रहा है। ग्रामीणों ने पशु और संरक्षण विभाग को मौर की मौत की सूचना दी। यहां कुछ गांवों को संक्रमित घोषित किया है। मौत के कारण की जांच करने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जांच की जाएगी। यहां मोरों की संख्या काफी अधिक है। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि पशुपालन विभाग को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
बर्ड फ्लू- मारी गई मुर्गियों की दी जाएगी नुकसान भरपाई
उधर उपराजधानी नागपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक ने जिले के पोल्ट्री व्यावसायियों की चिंता बढ़ा दी है। बर्ड फ्लू के चलते मारी गई मुर्गियों की नुकसान भरपाई का प्रबंध कर पोल्ट्री व्यवसायियों को राहत दी जाएगी। बता दें कि बुटीबोरी के पास वारंगा में एक पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हाेने पर मुर्गियों को मारकर दफनाया गया। मारी गई मुर्गियों के नुकसान का आकलन कर जल्द ही भरपाई दी जाएगी। वारंगा गांव से करीब एक किलोमीटर दूरी पर एक खेत में पोल्ट्री फार्म है। वहां मुर्गियों को दिन भर खुले में छोड़ा जाता है। दिन ढलते ही मुर्गियां अपने बाड़े में आ जाती हैं। उनके लिए खेत में शेड बनाया गया है। गुरुवार को पोल्ट्री फार्म की 28 मुर्गियां अचानक मर गई। महाराष्ट्र समेत देश के 6 राज्यों में बर्ड फ्लू का प्रकोप चल रहा है। मुर्गियों के अचानक मरने पर बर्ड फ्लू की आशंका से पशु संवर्धन विभाग को सूचना दी गई। मृत मुर्गियों के नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए। सोमवार की देर रात बर्ड फ्लू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर प्रशासन में खलबली मच गई। मंगलवार को प्रशासन का अमला वारंगा में जा धमका। पोल्ट्री फार्म समेत एक किलोमीटर की परिधि में मुर्गियां और अंडे नष्ट किए गए। दिनभर चली कार्रवाई में 660 मुर्गियां और 241 अंडे नष्ट किए जाने की सूत्रों ने जानकारी दी।
भरपाई इस प्रकार
मुर्गी
8 सप्ताह पूर्ण : 90 रुपए
8 सप्ताह से कम : 20 रुपए
अंडा
3 रुपए प्रति एक
युवराज केने, पशु संवर्धन अधिकारी, जिला परिषद के मुताबिक वारंगा में मारी गई बर्ड फ्लू बाधित मुर्गियों के नुकसान का आकलन किया गया है। भरपाई का चेक भी तैयार हो चुका है। जल्द ही पोल्ट्री फार्म मालिक के सुपुर्द किया जाएगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।