जिले के 96 गांवों में बाढ़ का खतरा, मानसून जल्द आने का अनुमान

Flood threat in 96 villages of the district, monsoon expected soon
जिले के 96 गांवों में बाढ़ का खतरा, मानसून जल्द आने का अनुमान
गोंदिया जिले के 96 गांवों में बाढ़ का खतरा, मानसून जल्द आने का अनुमान

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष मानसून जल्द आने का अनुमान व्यक्त किया है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने बारिश के दौरान निर्माण होनेवाली बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली है। खासतौर से जिले के 96 गांवों की सूची तैयार की गई है, जहां अतिवृष्टि की स्थिति में बाढ़ का खतरा होता है। इन गांवाें के लिए विशेष उपाययोजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। यह जानकारी जिले के अपर जिलाधिकारी राजेश खवले ने नागपुर विभागीय आयुक्त माधवी खोड़े को दी।

नागपुर विभागीय आयुक्त खोड़े की अध्यक्षता में गुरुवार, 12 मई को आयोजित नागपुर विभागीय मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक में दी। ऑनलाइन समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी राजेश खवले ने जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर प्रभावित होने वाले संभावित गांवों के अनुसार आपदा प्रबंधन का प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है। साथ ही बाढ़ सभावित गांवों के लिए बारिश में यातायात ठप होने पर वैकल्पिक मार्गों की सूची भी बनाई गई है। बाढ़ की स्थिति में सभी शासकीय विभाग आपसी समन्वय से कार्य करने की बात कहीं। इस बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, निवासी उपजिलाधिकारी, स्मिता बेलपत्रे, सिंचाई विभाग की कार्यकारी अभियंता, सोनाली साेनुले, लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, एन.टी. लभाने, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राजन चौबे प्रमुखता से उपस्थित थे। 

इस समय विभागीय अायुक्त ने गोंदिया जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों पर बैठक में समाधान व्यक्त किया। इस समय क्षेत्र की पुरानी इमारतों का सर्वेक्षण कर संबंधितों को इसकी सूचना देने को भी कहा गया है। मामा तालाबों की पाल फूट जाने से गांवों में पानी घुसने की घटनाएं घटित होती है। इस पर सतर्कता बरतने के निर्देश बैठक में विभागीय आयुक्त ने दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में संपर्क टुट जाने वाले गांवों में कम से कम तीन माह का अनाज एवं औषधि भंडार रखा जाना चाहिए। उसी प्रकार ऐसे गांवों की गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर उन्हें समय पर अस्पताल में दाखिल कराया जाना चाहिए। अतिवृष्टि का अनुमान और प्रसूति की तारीख एक ही समय होने की स्थिती में गर्भवती महिलाओं को बतौर सावधानी पहले ही अस्पताल में दाखिल किए जाने की सूचना उन्होंने अधिकारियों को दी। 

जिलाधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष वर्ष भर कार्यान्वित रहता है। उसी प्रकार पुलिस मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की जानकारी दी गई। 1 जून से नियंत्रण कक्ष में मनुष्यबल बढ़ाया जाएगा। इसी तरह बाढ़ की स्थिति में संक्रामक रोग न फैल, इसके लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए। 


 

Created On :   13 May 2022 7:23 PM IST

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