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उपलब्ध नहीं हो रहा अनाज, 1 लाख विद्यार्थी पोषण आहार से वंचित

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक मिड-डे-मिल योजना है। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को स्कूलों में मध्याह्न भोजन दिया जाता है। लेकिन गोंदिया जिले के 1 लाख 16 हजार विद्यार्थियों के लिए अनाज उपलब्ध नहीं होने से उन्हें भूखे पेट ही शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। मिड-डे-मील योजना विद्यार्थियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।
बता दें कि कक्षा पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूलों में ही मध्याह्न भोजन परोसा जाता है।
शालेय पोषण आहार केंद्र सरकार के नियंत्रण में एजेंसियों के माध्यम से उपलब्ध किया जाता है। गोंदिया जिले में इस योजना का लाभ 1 लाख 16 हजार विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए शासन ने भोजन की बजाय अनाज वितरित करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत विद्यार्थियों को चावल, चना व मुंगदाल वितरित की गई। किंतु कोरोना संक्रमण कम होने से 15 मार्च से विद्यार्थियों को स्कूलों में ही भोजन देने का आदेश स्कूलों को दे दिया गया है। लेकिन अब तक विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन का अनाज ही नहीं दिया गया है। जिस कारण ग्रीष्मकाल में भी जिले के 1 लाख 16 हजार विद्यार्थियों को भूखे पेट शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है।
एक ओर सरकार द्वारा विद्यार्थियों को पोषाहार मिले इसके लिए महत्वकांशी योजना चलाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को पोषक आहार के लिए अनाज ही उपलब्ध नहीं किया जा रहा। जिससे विद्यार्थियों को भूखे रहकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
800 मीट्रिक टन चावल की मांग
जयप्रकाश जिभकाटे, पोषण आहार अधीक्षक, जि.प. के मुताबिक आदेश के तहत विद्यार्थियों को स्कूलों में ही 15 मार्च से भोजन देने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत जिले के 1 लाख 16 हजार विद्यार्थियों के लिए 800 मीट्रिक टन चावल की मांग की गई। लेकिन अभी तक अनाज उपलब्ध नहीं हुआ। जिस कारण स्कूलों को पोषण आहार का अनाज वितरित नहीं किया गया है।
Created On :   28 March 2022 7:19 PM IST