फिर खोले गए उध्र्व वर्धा के गेट , लगातार हो रही बारिश से लबालब

Gate of Uddhav Wardha opened, incessant due to continuous rains
फिर खोले गए उध्र्व वर्धा के गेट , लगातार हो रही बारिश से लबालब
फिर खोले गए उध्र्व वर्धा के गेट , लगातार हो रही बारिश से लबालब

डिजिटल डेस्क, अमरावती। दीपावली के मौके पर भी बादल दिल खोल के बरसते रहे । 10  दिन पहले जिले के सबसे बड़े प्रकल्प उध्र्व वर्धा के सभी गेट बंद किए गए थे। लेकिन वर्धा, जाम, मालु आदि नदियों में पानी की आवक बढऩे के कारण शनिवार 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे उध्र्व वर्धा के 13 में से एक गेट फिर से 10 सेंटमीटर तक खोला गया है। जिससे 16 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले दो वर्षों के मुकाबले इस वर्ष प्रकल्पों की स्थिति काफी अच्छी दिखाई दे रही है। हालांकि अब प्रकल्पों के लिए बारिश की जररुत नहीं है। लेकिन बेमौसम बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। मानसून के दौरान सितंबर माह में जिले के साथ ही सतपुड़ा पर्वतों तथा मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा। जिससे ग्रीष्मकाल के दौरान पानी के लिए तरसने वाला उध्र्व वर्धा प्रकल्प 100 फीसदी तक लबालब हो गया। दो वर्ष बाद पहली बार विगत 9 सितंबर को उध्र्व वर्धा प्रकल्प के तीन गेट 10 सें.मी. तक खोले गए थे। यहां से 49 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा था। दूसरी ओर भारी बारिश का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। 

27 सितंबर को दोपहर 2.30 बजे पहली बार उध्र्व वर्धा प्रकल्प के संपूर्ण 13 गेट 10 सेंटीमीटर तक  खोले गए थे। पानी का प्रवाह 212 घनमीटर प्रति सेकंड था। रात 9 बजे नदी में पानी उफान पर रहने के चलते सभी गेटों को 20 सें.मी. तक खोला गया। प्रवाह 426 घनमीटर प्रति सेकंड रहा। वहीं रात 10 बजे 30 सेंटीमीटर, रात 12 बजे 40 सें.मी. व 28 सितंबर को रात 2 बजे 80 सेंटीमीटर तक खोले गए थे। उस समय पानी का प्रवाह 1279 घनमीटर प्रति सेकंड रहा। उसके बाद सभी गेट सुबह 7.30 बजे एक मीटर तक खोले जाने से प्रकल्प से 2132 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी निकल रहा था। उसके बाद धीरे-धीरे गेट को 20 सें.मी. तक खुला रखा गया। करीब 4 दिनों तक इस प्रकल्प के 13 गेट  खुले रहे। जिसका विहंगम नजारा देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ी थी। 1 अक्टूबर को सुबह 11 बजे केवल 7 गेट खुले रखे गए। उसके बाद धीरे-धीरे खुले रहने वाले गेट की संख्या कम की गई व 8 अक्टूबर से केवल एक गेट से पानी छोड़ा जा रहा था। 17 अक्टूबर को रात 9 बजे वह एक गेट भी बंद कर दिया गया था। प्रकल्प के गेट दुबारा खुलने की कोई गुंजाईश नहीं लग रही थी। लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से जल संपदा को एक बार फिर प्रकल्प के एक गेट से पानी छोडऩा पड़ रहा है। दूसरी ओर जिले के मध्यम प्रकल्पों में भी लबालब पानी रहने से लगातार पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है।

Created On :   28 Oct 2019 6:06 AM GMT

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