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Amravati News: अमरावती में जिन दुकानों से ले रहे हैं राशन का चावल, उन्हीं को बेच रहे

- आपूर्ति विभाग ने जांच-पड़ताल में उतारे दल
- दरवाजे में पहुंचकर राशन का अनाज खरीदने वाला गिरोह सक्रिय
Amravati News शहर में सरकारी राशन की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। एक ओर जहां गली-मुहल्लों में है आवाज लगाते राशन के खरीददार घूम रहे हैं। वहीं अब कुछ राशन दुकानदार भी उनमें शामिल हो गए हैं। शहर के खोलापुरी गेट, महाजनपुरा, यशोदा नगर से यह शिकायत प्रकाश में आयी है कि राशन दुकानदार ही खुलेआम लाभार्थियों से चावल के बदले पैसे देने की बात कह रहे हैं। जिसकी शिकायत जिला आपूर्ति विभाग से करने पर जिला आपूर्ति अधिकारी निनाद लांडे ने आपूर्ति विभाग के जांच पड़ताल दलों को मैदान में उतरने के आदेश रविवार को जारी किये।
बारिश के मौसम में लाभार्थियों को राशन लाने के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ें इस उद्देश्य से सभी राशन कार्ड धारकों को एक साथ तीन महीने के राशन का वितरण शुरू है। जिससे प्रत्येक लाभार्थी परिवार को 50 से 90 किलो तक चावल दिया जा रहा है। लेकिन जिले में नागरिकों का प्रमुख भोजन रोटी है, चावल नहीं। लेकिन राशन की दुकानों से जितना चावल देना उतने गेंहू और जितना गेंहू देना है, उतने चावल का वितरण किये जाने से अधिकांश लाभार्थी उन्हें मिल रहा चावल बेच रहे हैं। ययह चावल खरीदने वालों का भी शहर-जिले में सिंडिकेट चल रहा है। हर गांव-गली-मुहल्लों में लोगे के दरवाजे में पहुंचकर राशन का अनाज खरीदने वाला गिरोह सक्रिय है।
राशन बेचने वाले लाभार्थी भी नापे जाएंगे : आपूर्ति विभाग : जो राशन विक्रेता या दुकानदार लाभार्थियों से राशन खरीदेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो लाभार्थी सरकारी राशन की बिक्री करते मिले उनके राशन कार्ड निलंबित करने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। राशन की दुकानों से दिया जा रहा चावल पौष्टिक है, उसका उपयोग लाभार्थी परिवार स्वयं करे, उसे बेचे नहीं। यह आह्वान जिला व शहर आपूर्ति विभाग ने किया है।
इतने चावल का क्या करें : लाभार्थी : राशन की दुकान से गेंहू का वितरण अपेक्षित मात्रा में नहीं किया जा रहा। सरकारी राशन के नाम पर गेंहू के स्थान पर चावल की भरमार खेप थमाई जा रही है। हमारे परिवार में इतने चावल का इस्तेमाल नहीं होता इसलिए हम उसे जिसने खरीदा उसे बेच देते हैं। सरकार यदि चावल के बदले गेंहू का वितरण करे तो राशन का अनाज बेचने की नौबत ही नहीं आएगी। ऐसा यशोदा नगर निवासी एक लाभार्थी परिवार ने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया।
Created On :   1 July 2025 3:23 PM IST