Amravati News: अमरावती में है 81 अति जर्जर इमारतें, कभी भी ढह सकती हैं, प्रशासन नींद में

  • अब तक सिर्फ नोटिस थमाने की औपचारिकता
  • नहीं की किसी तरह की कार्रवाई

Amravati News बारिश की दस्तक के साथ ही अमरावती शहर की फिजा में खतरे की बूंदें घुल गई हैं, लेकिन महानगरपालिका का तंत्र अब भी गहरी नींद में है। जोन क्र. 2 समेत पूरे शहर में चिन्हित 81 अति जर्जर इमारतें किसी भी वक्त जमींदोज हो सकती हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक सिर्फ नोटिस थमाने की औपचारिकता की गई है।

प्रश्न यह है कि क्या मनपा प्रशासन को किसी बड़े हादसे की प्रतीक्षा है? क्या निर्दोष जानों की बलि के बाद ही ये कुंभकर्णी प्रशासन जागेगा?

मनपा ने सी-1 श्रेणी में दर्ज जर्जर इमारतों को लेकर नियमों के अनुसार बिजली और पानी के कनेक्शन काटने, इमारत को खाली कराने और ध्वस्त करने जैसी कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन धरातल पर न बिजली काटी, न इमारत खाली हुई और न ही किसी ढांचे पर बुलडोजर चला।

कई इमारतों पर दो-दो साल पहले नोटिस चस्पा किए गए थे, लेकिन वे इमारतें आज भी जस की तस खड़ी हैं । मौत को आमंत्रण देती हुई।

प्रमुख भयावह इलाके

राजापेठ, पन्नालाल नगर, हमालपुरा, अंबादेवी रोड, राजकमल चौक, जयस्तंभ चौक, सरोज चौक जैसे व्यस्त इलाकों में जर्जर इमारतों के नीचे दुकानें, होटल और दफ्तर खुले हैं।

रोजाना हजारों नागरिक इन इमारतों के नीचे से गुजरते हैं या उनमें काम करते हैं।सबसे भयावह बात यह कि कई इमारतों की दीवारें झुकी हुई, छज्जे टूटे हुए और स्लैब रिसते हुए हैं, फिर भी कोई डर या रोक नहीं।

इतिहास से सबक नहीं लिया

प्रभात टॉकीज स्थित राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत ढहने से छह जानें चली गई थीं, लेकिन उस भयावह हादसे के बावजूद मनपा की कार्यप्रणाली नहीं बदली। अब फिर वैसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं।

सभी को नोटिस मनपा क्षेत्र में आनेवाली सभी जर्जर इमारतों के मालिकों को नोटिस दिए हैं। जिनकी इमारत सी-1 में है। उनके मालिकों को स्वयं अपनी इमारतें गिराना जरूरी है। ऐसी इमारत अगर बारिश में ढह गई तो इसके लिए स्वयं इमारत के मालिक और किराएदार जिम्मेदार रहेंगे। - प्रमोद इंगोले, अभियंता, जोन नं.2

उठ रहे ये सवाल ?

मनपा द्वारा बनाई गई 81 अति जर्जर इमारतों की सूची अब सवालों के घेरे में है।

अगर सूची तैयार है तो कार्रवाई क्यों नहीं?

नोटिस के बाद भी जगह खाली नहीं की तो कितना जुर्माना वसूला?

यदि इमारतें खतरे में हैं तो बिजली-पानी कनेक्शन चालू क्यों हैं?

यदि किसी हादसे में जानें जाती हैं तो जिम्मेदार कौन होगा?

क्या राजेंद्र लॉज हादसें की पूनरावृत्ति का है इंतजार?

Created On :   28 Jun 2025 3:44 PM IST

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