क्वारेंटाइन में रहे जीसीएफ के जेडब्ल्यूएम की मौत, एम्बुलेंस नहीं देने पर हुआ हंगामा

GCFs JWM died in quarantine, uproar over not giving ambulance
क्वारेंटाइन में रहे जीसीएफ के जेडब्ल्यूएम की मौत, एम्बुलेंस नहीं देने पर हुआ हंगामा
क्वारेंटाइन में रहे जीसीएफ के जेडब्ल्यूएम की मौत, एम्बुलेंस नहीं देने पर हुआ हंगामा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जीसीएफ में कार्यरत जूनियर वक्र्स मैनेजर अर्जुन लाल कोल की क्वारेंटाइन में ही मौत हो जाने के बाद शव को गुरुवार को सुबह साढ़े 9 बजे एम्बुलेंस की बजाय पहले ओपन ट्रक और फिर बाद में बस से भेजे जाने को लेकर हंगामा मच गया। लोगों का कहना था कि अर्जुन क्वारेंटाइन में था और यदि मृत्यु के बाद कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो उसका जवाबदेह कौन होगा। यह विवाद कई घंटे चला और जब मामले ने तूल पकड़ा तो एम्बुलेंस भेजी गई। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि डेड बॉडी के लिए एम्बुलेंस नहीं दी जाती है। इसके कारण ही ट्रक भेजा गया, जब अस्पताल प्रबंधन एवं जीसीएफ प्रशासन को बताया गया कि इस समय कोरोना संकट है और अगर किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो उसके लिए अस्पताल प्रबंधन सीधे-सीधे जिम्मेदार होगा।  इसके बाद भी स्कूल बस भेजी गई। जब अर्जुन के परिजनों एवं यूनियन के मिठाई लाल, राजा पांडे, अमित कुमार आदि ने कहा कि बिना एम्बुलेंस के शव को पीएम के लिए नहीं भेजेंगे तो फिर कई घंटे बाद शव को जीसीएफ मरचुरी से एम्बुलेंस से मेडिकल अस्पताल भेजा गया।पी-4 
ट्टअर्जुन लाल की विक्टोरिया में जाँच कराई गई थी और भर्ती भी किया गया था। उसकी पहली कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उसके बाद ही उसे 15 दिन के िलए होम क्वारेंटाइन किया गया था। अब पीएम रिपोर्ट से ही खुलासा हो पायेगा कि उन्हें कोरोना था कि नहीं।
- सुनील नेमा, टीआई  रांझी 
 

Created On :   15 May 2020 9:31 AM GMT

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