अमावस्या पर गंदगी से अट गए घाट - घाटों पर हर तरफ सिंगल यूज पॉलीथिन, प्लास्टिक, लेमीनेटेड दोने

Ghats stuck with dirt on Amavasya - Single use polythene, plastic, laminated both sides on the Ghats.
अमावस्या पर गंदगी से अट गए घाट - घाटों पर हर तरफ सिंगल यूज पॉलीथिन, प्लास्टिक, लेमीनेटेड दोने
अमावस्या पर गंदगी से अट गए घाट - घाटों पर हर तरफ सिंगल यूज पॉलीथिन, प्लास्टिक, लेमीनेटेड दोने

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जब भी विशेष मुहूर्त या खास दिन होता है उस दिन नर्मदा तटों पर कचरे का बोझ भी ज्यादा होता है। विशेष तौर पर अमावस्या, पूर्णिमा, शनिवार और अवकाश दिवस पर रविवार को तटों पर बेतहाशा गंदगी देखी जाती है। विसंगति देखिए  इन खास अवसरों पर जब तटों को ज्यादा साफ, स्वच्छ और निर्मल दिखाई देना चाहिए तो इन्हीं विशेष अवसरों पर क्लीनिंग को लेकर हालात और ज्यादा बदतर नजर आते हैं। शनिवार को फाल्गुन मास की अमावस्या थी। विशेष तिथि पर शनिवार होने से यह शनि अमावस्या कहलाई। इस दिन नर्मदा तट पर स्नान, दर्शन का विशेष महत्व है। इसी दिन लेकिन घाटों पर सफाई को लेकर जो अनदेखी देखने मिली वह मन को खिन्न कर देने वाली भी रही। 
  घाटों पर हर तरफ सिंगल यूज पॉलीथिन, प्लास्टिक, लेमीनेटेड दोने, अगरबत्ती के खाली पैकेट, कैरी बैग और बहुत कुछ सब मन को दु:खी कर देने वाला रहा। भटौली, जिलहरी, ग्वारीघाट, खारीघाट, तिलवारा, लम्हेटा, न्यू भेड़ाघाट, सरस्वती घाट अमूमन हर तट पर गंदगी औसत से ज्यादा नजर आई। तटों की गंदगी हालात को खुद बयाँ करती है कि नर्मदा के घाटों पर प्रतीकात्मक सफाई का दौर जारी है। जहाँ भण्डारे नहीं होना  चाहिए वहाँ बेधड़क हो रहे और जो सिंगल यूज प्लास्टिक, पॉलीथिन आसपास दिखना नहीं चाहिए वे भी बेफिक्री के साथ दुकानदारों के द्वारा बेची जा रही है।  
घर में सफाई, घाट पर कचरा 
 अमावस्या को सनातन धर्म में पर्व का दर्जा है। इस दिन घर में साफ-सफाई करनी चाहिए। शांति बनाए रखने, क्लेश मिटाने गौ-मूत्र का छिड़काव भी किया जाना चाहिए। इन कार्यों से घर में पवित्रता बनी रहती है। लोगों ने शनि अमावस्या पर घरों में सफाई तो की  और पुण्य स्नान से फल भी प्राप्त िकया, पर कचरा, गंदगी नर्मदा तट पर छोड़ आए। 

Created On :   14 March 2021 4:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story