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लोक अभियोजक के खाली पदों को चार माह में भरे सरकार
हाईकोर्ट ने पूर्व में नियुक्तियों पर लगाई रोक को वापस लेकर दिया राज्य सरकार को आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश की निचली अदालतों में लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के खाली पदों को चार माह में भरने के आदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए हैं। जस्टिस संजय यादव की एकलपीठ ने नियुक्तियों पर विगत 5 दिसंबर को लगाई गई रोक के आदेश को वापस लेते हुए सरकार को उक्त निर्देश दिए।
रतलब है कि एडवोकेट आनंद कुमार शुक्ला की ओर से दायर इस याचिका में विधि एवं विधायी विभाग के प्रमुख सचिव के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें प्रदेश की निचली अदालतों में पैरवी के लिए लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की स्थायी व अस्थायी नियुक्ति करने का प्रावधान किया गया था। याचिका में आरोप था कि प्रमुख सचिव का उक्त आदेश विधि विरुद्ध है, क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 23 (7) के अंतर्गत लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर केवल सात वर्ष से अधिक की वकालत के अनुभव वाले अधिवक्ता की ही नियुक्ति की जा सकती है। वहीं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 25 के तहत लोक अभियोजन अधिकारियों व सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियाँ मजिस्ट्रेट कोर्ट में अभियोजन हेतु की जा सकती है। इस मामले पर विगत 5 दिसंबर को हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की स्थायी व अस्थायी नियुक्ति करने पर रोक लगा दी थी।
मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने अदालत को बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 658 एडीशनल
सेशन जज काम कर रहे हैं, जबकि पब्लिक और एडीशनल पब्लिक प्रासिक्यूटर के पदों पर सिर्फ 325 लोग पदस्थ हैं। चूंकि कोर्ट के मुकाबले सरकारी वकीलों की संख्या कम थी, इसलिए नई नियुक्तियां होने तक अस्थाई व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जल्द ही नियुक्तियां कर दी जाएंगी लेकिन कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश के कारण सत्र न्यायालयों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में सरकार की ओर से पेश की गई नोटशीट अवलोकन करने के बाद अदालत ने पूर्व में लगाई रोक को वापस लेकर चार माह में नई नियुक्तियां करने के आदेश देकर याचिका का निराकरण कर दिया।
Created On :   20 Dec 2019 1:25 PM IST