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छोटे ठेकेदारों को खत्म कर बड़े ग्रुपों को मनमानी कीमतों पर शराब बेचने का लाईसेन्स देने जा रही सरकार!

नई शराब नीति को हाईकोर्ट में चुनौती, राज्य सरकार व अन्य को नोटिस, अगली सुनवाई 16 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । राज्य के चार महानगरों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नई शराब नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। एक मामले में आरोप लगाया गया है कि सरकार प्रदेश में शराब बेचने वाले छोटे ठेकेदारों को खत्म करके पूरा ठेका बड़े ग्रुपों को देना चाहती है, ताकि वे मनमानी कीमतों पर शराब बेच सकें। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले को संजीदगी से लेते हुए राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी। सतना के व्यापारी जगदीश प्रसाद प्रजापति व रीवा के भारत भूषण तिवारी की ओर से दायर इस याचिका में प्रदेश सरकार की नई शराब नीति को कटघरे में रखा गया है। याचिका में आरोप है कि विदेशी मदिरा अधिनियम 1996 का नियम 8 का सब नियम-1 खंड अ के विपरीत नई शराब नीति बनाई गई है। इसके चलते प्रदेश के चार महानगरों (भोपाल, इन्दौर, जबलपुर व ग्वालियर) में सरकार दो ग्रुपों को शराब बेचने का लाईसेन्स देने जा रही है। इसी तरह 18 जिलों में शराब बेचने का लाईसेन्स एक ग्रुप को दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ऐसा होने पर जिस भी ग्रुप को लाईसेन्स मिलेगा, वो सिर्फ वही शराब बेचेंगे जिसमें उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा। इतना ही नहीं, अलग-अलग ब्राण्डों की वो ग्राहकों से मनमानी कीमत भी वसूलेंगे। नई शराब नीति को हाईकोर्ट की फुल बैंच द्वारा वर्ष 2010 में दिए गए फैसले के खिलाफ बताया गया है।
मामले पर बुधवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर व शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 16 मार्च को निर्धारित की है।
Created On :   5 March 2020 1:43 PM IST