नागपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग का हाजियों के साथ सख्त रवैया, कमेटी ने कहा- 15 वर्षों में कभी नहीं हुआ

Hajj pilgrims got angry after the intense checking by custom department
नागपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग का हाजियों के साथ सख्त रवैया, कमेटी ने कहा- 15 वर्षों में कभी नहीं हुआ
नागपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग का हाजियों के साथ सख्त रवैया, कमेटी ने कहा- 15 वर्षों में कभी नहीं हुआ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हज के अरकान पूरा कर वतन लौटे हाजियों ने अपनी ही सरजमीं पर अपमानित महसूस किया। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पहुंचने पर कस्टम विभाग के अधिकारी उनके साथ सख्ती से पेश आए। टर्मिनल बिल्डिंग में उनकी कड़ी जांच की गई। पुरुष हाजियों की टोपी उतरवाई गई। जेब चेक किए गए। महिलाओं को कमरे में ले जाकर उनकी नकाब उतार कर गहन जांच की गई। हालांकि कस्टम विभाग के हाथ कोई भी आपत्तिजनक सामान हाथ नहीं लगा। नागपुर से हज यात्रा शुरू हुए 15 वर्ष हो गए। पहली बार कस्टम विभाग का हाजियों के साथ इस तरह सख्त रवैया रहा है। वहीं दूसरी और स्वयंसेवकों को हाजियों की सेवा के लिए प्रवेश नहीं दिए जाने से उन्हें अपने लगेज खुद लेकर आना पड़ा। अधिकांश हाजी उम्रदराज हैं। लंबी सफर काट कर आने से थके हुए हैं। अपना सामान खुद उठाने की नौबत आने से काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। 

पहले ही दिन तीनों फ्लैट लेट पहुंची
नागपुर इंबार्केशन सेंटर पर हाजियों की वतन वापसी का सिलसिला बुधवार को शुरू हुआ। पहले ही दिन 3 फ्लाइट नागपुर पहुंची। तीनों फ्लाइट निर्धारित समय से लेट पहुंची। पहली फ्लाइट का निर्धारित समय सुबह 6.30 बजे था, जो पौने दो घंटे लेट 8.15 बजे पहुंची। दूसरी फ्लाइट का निर्धारित समय 7.55 बजे था, जो ढा़ई घंटे लेट यानी 10.35 बजे पहुंची। तीसरी फ्लाइट सुबह 9.25 बजे आनी थी, ढाई घंटे देरी से 11.55 बजे पहुंची। तीनों फ्लाइट में 153-153 हाजी कुल मिलाकर पहले दिन 459 हाजी सकुशल वतन लौट आए।

लगेज सुरक्षित मिले, 5 लीटर आबे जमजम दिया गया
हाजियों के विमानतल पहुंचने पर उन्हें उनके लगेज दिए गए। इसी के साथ एक हाजी को 5 लीटर आबे जमजम दिया गया। कस्टम हाउस से बाहर निकलने के बाद स्वयंसेवक उन्हें सामान के साथ बाहर ले आए। सेंट्रल तंजीम कमेटी की ओर से स्वागत किया गया। बाहर उनके इंतजार में खड़े रिश्तेदारों तक पहुंचाया गया।

भीड़ के बीच अपनों को खोजती रही आंखे
हाजियों की फ्लाइट के निर्धारित समय से पहले ही रिश्तेदारों की एयरपोर्ट पर भीड़ लग चुकी थी। फ्लाइट लेट होने से निराश होकर एयरपोर्ट परिसर में बने शेड में छाया का सहारा लेकर जमे रहे। जैसे ही फ्लाइट पहुंचने की सूचना मिली, उत्साहित भीड़ बैरिकेड्स के पास पहुंच गई। हर कोई अपने हाजी के आने का इंतजार करता रहा। उधर हाजी बाहर निकलने पर उनकी आंखे भीड़ के बीच अपनों को खोजती रहीं। मौका पाकर बच्चे बैरिकेड्स के अंदर से घुसकर सीधे हाजियों के पास पहुंचते और अपनों को गले लगाते रहे।

पीने के पानी की असुविधा
एयरपोर्ट पर हाजियों को लेने के लिए परिजन हजारों की संख्या में जमा हुए थे। उनके लिए पीने के पानी की सुविधा नहीं भी नहीं थी। जहां से हाजियों को बाहर लाया गया, उसी मार्ग पर अंदर के हिस्से में वाटर कूलर लगा है। हाजियों के बाहर निकलने से पहले पानी के लिए वहां तक जाने दिया गया। जब हाजियों के बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हुआ, तो वहां जाने से रोक लगा दी गई। प्यास बुझाने के लिए लोगों को जेब से खर्च कर पानी की बोतल खरीदनी पड़ी।

नहीं था मोबाइल टॉयलेट
आमतौर पर छोटे-छोटे कार्यक्रमों में महानगरपालिका मोबइल टायलेट का इंतजाम करती है। एयरपोर्ट पर हाजियों को लेने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटने के बाद भी टायलेट की एक गाड़ी तक खड़ी नहीं की गई। एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में भी टायलेट की सुविधा नहीं है। टायलेट के लिए लोगों को भटकता रहना पड़ा।

हाजियों का सहयोग करे प्रशासन, सीसीटी सहयोग के लिए तैयार
हाजियों का सामान उठाने के लिए स्वयंसेवकों को टर्मिनल बिल्डिंग में जाने से रोक दिया गया। हालांकि मिहान की ओर से स्वयंसेवकों के प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं। कस्टम विभाग ने भी अपने स्वयं सेवक तैनात नहीं किए। हाजियों को खुद उनका सामान उठाने की नौबत आई। अनेक हाजी उम्रदराज हैं। ऐसे में उनकी सहायता आवश्यक है। कस्टम विभाग के सख्त रवैये से हाजियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जांच दौरान जो सख्त रवैया अपनाया गया है, उससे हाजी आहत है। सेंट्रल तंजीम कमेटी सभी प्रकार के सहयोग के लिए तैयार है। प्रशासन को हाजियों का सहयोग करने व उनके साथ सम्मानजनक बर्ताव करना चाहिए।
हाजी मोहम्मद कलाम, सचिव सेंट्रल तंजीम कमेटी, हज सेवा स्वयंसेवी संस्था

 

 

Created On :   12 Sep 2018 11:47 AM GMT

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