खेल सामग्री खरीदी में शिक्षकों के बंधे हाथ

Hands tied for teachers in buying sports material
खेल सामग्री खरीदी में शिक्षकों के बंधे हाथ
शहडोल खेल सामग्री खरीदी में शिक्षकों के बंधे हाथ

डिजिटल डेस्क,शहडोल।विद्यार्थियों को शैक्षणिक शिक्षा के साथ उनके शारीरिक विकास के लिए खेल की अहम भूमिका होती है। जिसे देखते हुए प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में खेल सामग्री के लिए प्रति वर्ष करोड़ो रुपए का बजट आवंटित किया जाता है। शासन द्वारा खेल सामग्री खरीदी के लिए यह राशि सीधे स्कूलों के खाते में भेजी जाती है। विद्यालय प्रबंधन उक्त राशि से आवश्यकतानुसार अपने विद्यालय के लिए खेल सामग्री खरीदने के लिए नियमानुसार स्वतंत्र होता है। लेकिन जिले में खेल सामग्री की राशि में सामान खरीदने से पहले ही इसके बंदरबांट के लिए प्लान तैयार हो जाता है। इस प्रकार का खेल पूरे संभाग भर में चल रहा है। सर्वाधिक गोलमाल प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में होने की जानकारी मिल रही है। क्योंकि इनमें अधिकांश विद्यालयों में खेल सामग्री के लिए आने वाली राशि का उपयोग विद्यालय प्रबंधन विभाग के उच्चाधिकारियों के दबाव में स्वयं नही कर पाता कर पाता है। राशि का कोरा चेक दबाव के कारण देना पड़ता है। जिसके बाद स्कूलों से सैकड़ो चेक एकत्र हो जाने के बाद सभी स्कूलों में किसी एक प्रतिष्ठान से सेटिंग करके एक जैसी गुणवत्ताहीन खेल सामग्री किट के रूप में खरीदकर भेज दी जाती है। जिसकी कीमत वास्तविक बिल राशि से आधी होती है। लेकिन चाहकर भी इन घटिया सामग्री का विरोध  विभाग के अधिकारियों के समक्ष स्कूल प्रबंधन नहीं कर पाता है। 
जांच में सामने आ सकता है घोटाला
जिले के पांचों विकासखंडों और उमरिया व अनूपपुर जिले में तीन हजार से अधिक शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हैं। यदि इन स्कूलों में  पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान खरीदी गई खेल सामग्री के बिल की जांच  कराई जाए तो पता चलेगा की 90 प्रतिशत विद्यालयों में किसी एक फर्म का ही बिल मिलेगा। सवाल यह उठता है कि आखिर किसी एक फर्म से कैसे और किसके कहने पर सामग्री खरीदी गई अथवा खरीदकर भेजी जा रही है। कई बिल तो संभाग के बाहर के प्रतिष्ठानों के भी होने की जानकारी मिली है। जबकि संभाग में कई संस्थान हैं जहां से सामग्री खरीदी जा सकती है। यदि इसकी सूक्ष्मता से जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है।
इनका कहना है
खेल सामग्री खरीदी की जांच कराई जाएगी, यदि स्कूलों की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है तो संबंधितों पर कार्रवाई होगी।
 

Created On :   11 Feb 2022 4:11 PM IST

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