एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी नामनी को नही दे रही है बीमा क्लेम

HDFC Insurance Company is not giving insurance claim to the nominee
एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी नामनी को नही दे रही है बीमा क्लेम
खामियां निकालकर कर दिया हमारा प्रकरण क्लोज एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी नामनी को नही दे रही है बीमा क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनी जब तक पॉलिसी धारक से संपर्क में रहती है, जब तक वह पॉलिसी रिन्यू न करा ले। रिन्यू होने के बाद बीमा कंपनी उन्हें भूल जाती हैं। अगर धोखे से पॉलिसी धारक का कोई बीमित सदस्य बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो बीमा कंपनी मुंह मोड रही है। कैशलेस से इंकार करने के बाद जब बीमा में बिल सम्मेट किए जाते है तो तरह-तरह के बिलो व दस्तावेजो की मांग की जाती है। सारे दस्तावेज जब बीमा कंपनी में उपलब्ध कराए जाते है उसमें क्वेरी निकालकर महीनो चक्कर लगवाए जाते है और उसके बाद अनेक खामियां निकालकर बीमित का क्लेम निरस्त करने का गोलमाल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। पीडि़तों का आरोप है बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमारे साथ धोखा कर रहे है और प्रबंधक हमारी सुध नही ले रहे है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ- 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

कोरोना से इलाज के दौरान हो गई थी युवक की मौत-

हनुमानताल निवासी विकास कुमार ने बताया कि उनके भाई विवेक ने एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी ने पॉलिसी ली थी। पॉलिसी लेते वक्त कंपनी के ब्रांच मैनेजर व अन्य अधिकारियों ने कहा था कि इस पॉलिसी से पूरा इलाज फ्री होगा और मौत होनें पर नियमानुसार 50 लाख रूपए बीमा कंपनी नामनी को देगी। मई 2021 में विवेक कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया था। उसे परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा कंपनी ने बिल सम्मेट करने पर सारा भुगतान देने का दावा किया था। उपचार के दौरान विवेक की मौत हो गई और अस्पताल का बिल परिजनों को जमा करना पड़ा। बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट सम्मेट कर क्लेम की मांग की गई तो उसमें अनेक गलतियां निकाली गई। उनमें सुधार करके बीमा कंपनी में सम्मेट कराया तो बीमा अधिकारियों ने कहा आपके द्वारा दिए गए दस्तावेज गलत हैं। पुरानी बीमारी का हवाला देकर क्लेम रिजेक्ट करते हुए नामनी को मिलने वाली राशि भी बीमा कंपनी देने से इंकार कर रही है। परिजन अब बीमा कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट जाएंगे।
 

Created On :   28 May 2022 11:19 AM GMT

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