घने जंगल में बसे गांव तक 12 किलो मीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य कर्मियों ने दी सेवा

Health workers provided service by walking 12 km to the village
घने जंगल में बसे गांव तक 12 किलो मीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य कर्मियों ने दी सेवा
गोंदिया घने जंगल में बसे गांव तक 12 किलो मीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य कर्मियों ने दी सेवा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। आजादी के 75 वर्षों बाद भी जिले के दुर्गम क्षेत्र में आज तक विकास की गंगा पहुंच नहीं पाई है। गोंदिया-गड़चिरोली जिले की सीमा पर बसा अतिसंवेदनशील नागलडोह गांव ऐसा हैं, जहां पहुंचने के लिए अब तक पक्की सड़क नहीं बनने से गांववासियों को घने जंगलों को पार कर पहुंचना पड़ता हैं। ऐसे हालातों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए घने जंगल से लगभग 12 कि.मी. अंतर पैदल चलकर गांववासियों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी। उनके इस कार्य की सर्वत्र सराहना की जा रही हैं। बता दें कि अर्जुनी मोरगांव तहसील के केशोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम नागलडोह का समावेश है। घने जंगलों तथा नक्सल दहशत से व्याप्त इस गांव तक पहुंचना काफी कठिन है। बताया जाता है कि यहां गांव में अभी तक एम्बुलेंस वाहन नहीं पहुंचा हैैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने यहां गांव में पहुंचकर नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया तथा घने जंगलों से लगभग 12 कि.मी.पैदल चलकर गांव में पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लेकर नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन कर  उनके रक्त के नमूनों की जांच की। इसी तरह गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड की गोलियां वितरित की। तो किशोरियों को गोलियों की खुराक दी। साथ ही जल सुरक्षक ने गांव के जलस्त्रोतों के नमूने लिए और ग्रामीणों से चर्चा कर उनका हाल जाना। इस प्रकार कुल 44 लोगों से मुलाकात कर 0 से 5 वर्ष के बालकों की जांच की गयी। स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से ग्रामीणों के चेहरों पर खुशियां झलक उठी।

गांववासी कर रहे सौर ऊर्जा का उपयोग 

डॉ.नितीन वानखेडे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक नागलडोहनागलडोह गांव की स्थापना 1934 में हुई। वर्तमान में यहां गांव की जनसंख्या केवल 44 हैं। इस गांव में पहुंचना हैं तो पैदल चलकर ही पहुंचना पड़ता हंै। उपरोक्त अधिकारी, कर्मचारी उस गांव में सेवा देने के लिए पहुंचे तो उन्हें 11 नाले और घने जंगल को पार कर पहुंचना पड़ा। विशेष है कि यहां गांव में विद्युत सेवा नहीं है, लेकिन गांववासी सौरऊर्जा पर हैंडपंप, लाइट एवं मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। 

कठिन राह तय कर दी सेवा 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केशोरी के वैद्यकीय अधिकारी डॉ.पिंकु मंडल, स्वास्थ्य सहायक बडोले, वाघधरे, पवार, मेश्राम, स्वास्थ्य सेविका भारती उईके, वाहन चालक टेंभुर्णेकर, परिचर नाकाडे व जल सुरक्षक जंजाड आदि कर्मचारियों की टीम ने नागलडोह  गांव पहुंचकर नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई है। उनके इस निर्णय व उल्लेखनीय कार्य की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

Created On :   16 Aug 2022 5:34 PM IST

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