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विश्वविद्यालयों में टीचरों की नियुक्तियां करने हाईकोर्ट ने दिए मैकेनिजम पेश करने के निर्देश
![High court gave instructions to present the mechanism for appointing teachers in universities High court gave instructions to present the mechanism for appointing teachers in universities](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/12/high-court-gave-instructions-to-present-the-mechanism-for-appointing-teachers-in-universities_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में टीचरों की नियमित नियुक्तियों को लेकर एक टाईम बाउण्ड मेकेनिज्म पेश करने के निर्देश हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार व अन्य को दिए हैं। सोमवार को चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अतिथि शिक्षकों के
मानदेय से संबंधित 21 मामलों पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। अगली
सुनवाई 31 जनवरी को निर्धारित की गई है।
ये मामले विश्वविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता संघ जबलपुर के सचिव डॉ. राजाराम सिंह व अन्य की ओर से दायर किए गए है। इन मामलों में अतिथि शिक्षकों के मानदेय का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया गया है कि इसका कोई मानक तय न होने के कारण विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। मामलों में राहत चाही गई है कि जब तक नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं की जाती है तब तक अतिथि शिक्षकों को अन्य अतिथि शिक्षकों के द्वारा विस्थापित न किया जाए।
मामलों पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला, राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता श्रेयस पंडित और यूजीसी की ओर से अधिवक्ता निर्मला नायक व सोनाली श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान युगलपीठ द्वारा किए गए सवाल पर राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में अभी लगभग 4000 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। इस पर युगलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि वो प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में टीचरों की नियमित नियुक्तियों को लेकर मैकेनिजम पेश करे।
परिसीमन मामलों पर सुनवाई टली प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में प्रस्तावित परिसीमन की कार्रवाई को चुनौती देने वाली 3 दर्जन याचिकाएं पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है।
सोमवार को चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त निर्देश दिए। मुख्यपीठ में परिसीमन से संबंधित मामलों पर एकसाथ सुनवाई की जा रही है। इनमें से कुछ मामले इन्दौर व ग्वालियर खण्डपीठों से ट्रांसफर होकर मुख्यपीठ जबलपुर आए हैं। सोमवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह, पुरुषेन्द्र कौरव, अधिवक्ता अमित सेठ और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, अतिरिक्त महाधिवक्ता शेखर शर्मा, उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे आदि हाजिर हुए।
Created On :   10 Dec 2019 8:48 AM GMT