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12 आरोपियों की जमानत उच्च न्यायालय ने की रद्द
डिजिटल डेस्क, खामगांव. परिवार के विरोध में जाकर अंतरजातीय विवाह करने से युवती के परिवार के लोगों ने युवक की हत्या करने का प्रयास करने मामले में १२ आरोपियों की जमानत उच्च न्यायालय ने रद्द की हैं। खामगांव यहां के सतिफैल परिसर निवासी अमन उर्फ रघु विजय तिवारी ने उसी परिसर में रहने वाले एक युवती से प्रेमविवाह कुछ माह पहले किया था। उक्त विवाह अंतरजातीय होने से उसे युवती के परिवार का विरोध था। लेकिन विवाह होने से युवती के परिवार एवं उनके सहयोगी ने अमन उर्फ रघु तिवारी पर सशस्त्र हमला कर उसे जान से मारने का प्रयास किया था। उक्त घटना यह शिवाजी नगर पुलिस थाने से कुछ ही दूरी पर घटी थी। उक्त मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा ३०७, १२० ब, ३४१,१४३, १४७, १४८, १४९, ३२३, ५०६ के तहत अपराध दर्ज किया था। उक्त मामले में आरोपियों को खामगांव सत्र न्यायालय ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत मंजूर की। उसी तरह हिरासत में होनेवाले आरोपी को भी जमानत मिली थी। आरोपी का सत्र न्यायालय ने दिए जमानत अन्यायकारक हैं, ऐसी भूमिका लेते शिकायतकर्ता ज्योति तिवारी ने आरोपियों की जमानत रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। ४ अगस्त २०२२ को उक्त मामले में उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति किलोर के सामने सुनवाई हुई थी। २० अगस्त को उच्च न्यायालय ने निर्णय घोषित कर गणेश जाधव, गोपाल जाधव, विजय जाधव, कुलाण बोंद्रे, रविंद्र बोंद्रे, आकाश धुरंदे, रोहित धुरंदे, ओम बोर्डे, महादेव फंड, गणेश कोमुकर एवं गुलजमा शाह ऐसे १२ आरोपियों को खामगांव सत्र न्यायालय व्दारा दी गई जमानत रद्द की हैं। उसी तरह उक्त आरोपियों ने २९ अगस्त २०२२ तक अपने आप को पुलिस के स्वाधीन करें, ऐसा आदेश भी उच्च न्यायालय ने दिया हैं। उक्त मामले में शिकायतकर्ता ज्योति तिवारी व्दारा सत्र न्यायालय उसी तरह उच्च न्यायालय में जेष्ठ विधिज्ञ एड. चंद्रशेखर भाटे, एड. केतन भावे, एड. अमित भाटे एवं एड. गणेश भालतडक ने पैरवी की।
Created On :   24 Aug 2022 7:02 PM IST