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जरूआखेरा की शासकीय भूमि पर चल रहा अवैध पत्थर खनन का कारोबार
डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा । जिले के पहाडीखेरा क्षेत्र में प्रकृति ने हर तरह की सम्पदा से परिपूर्ण किया है। जहां अच्छे किस्म के हीरे, र्दुलभ जडीबूटियों से युक्त पेड सहित फशी पत्थर व ढोका पत्थर की भरमा है। प्रकृति की इस बेशकीमती खनिज रूपी धरोहर पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि इस कदर पडी है कि अमूल्य सम्पदा जिसमें पत्थर का खुलेआम दोहन दिन हो या रात बिना रोकटोक के किया जा रहा है। जिससे शासन-प्रशासन को लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं जरूआखेरा की शासकीय भूमि में लगे र्दुलभ पेडों को खनन माफिया निस्तेनाबूत कर रहे हैं। आम लोगों की मानें तो जरूआखेरा में प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण सालों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। क्योंकि करीब सौ मीटर वन विभाग का क्षेत्र लगा हुआ है पर वन विभाग का मैदानी अमला हमारे कार्यक्षेत्र में यह नहीं हैं कहकर पल्ला झाड लेता है। वहीं पुलिस व खनिज विभाग की उस तरफ नजर ही नहीं जाती। जिस कारण खनन माफिया खनिज सम्पदा के साथ-साथ वन सम्पदा का खुलेआम दोहन कर अपने निजी स्वार्थों के कारण धरती का सीना छलनी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हमारे द्वारा मौखिक रूप से प्रकृति रूपी धरोहर को बचाने के लिए अधिकारियों को इस संबध में अवगत कराया गया पर निराशा ही हांथ लगी। क्योंकि इस जगह में लंबे अर्से से अच्छे किस्म का पत्थर होने के कारण अवैध उत्खनन हो रहा है। अभी हाल ही में ग्राम पंचायत सिलधरा में फसल सुरक्षा दीवार के लिए इसी जगह से काफी मात्रा में पत्थर तोडकर इसी जगह से निकाले गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर-ट्राली के माध्यम से खनन माफियाओं द्वारा बिना रोकटोक के प्रतिदिन दस से पंद्रह ट्राली पत्थर उत्खनन कर निकाले जा रहे हैं।
इनका कहना है
आपके द्वारा मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि जरूआखेरा, भटिया की शासकीय भूमि पर लंबे अर्से से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। मैं इसकी पूरी जांच करवाता हूं यदि वन विभाग से हटकर राजस्व की भूमि पर उत्खनन किया जा रहा है तो खनन माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
Created On :   25 April 2022 4:31 PM IST