Panna News: प्रभार लेते ही सचिव ने सामुदायिक भवन निर्माण की छ: लाख से अधिक राशि का कर दिया भुगतान

प्रभार लेते ही सचिव ने सामुदायिक भवन निर्माण की छ: लाख से अधिक राशि का कर दिया भुगतान

Panna News: रैपुरा तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पटना के पुरैनी गांव में मुख्यमंत्री गांव सडक़ एवं अधोसंरचना योजना के अंतर्गत सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। सचिव ने 15 अक्टूबर को पंचायत का प्रभार लिया और 17 को छह लाख पच्चीस हजार रुपए के पेमेंट ऑर्डर जारी कर दिए जिनका भुगतान 18 अक्टूबर को कर दिया गया। मतलब यह कि दो दिनों में छह लाख पच्चीस हजार रुपए का काम निर्माण कार्य कैसे हो गया और इतनी तेजी से भुगतान भी, पहले से चल रहे निर्माण कार्य के दौरान रहे पंचायत सचिव से बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने समुदायिक भवन के निर्माण कार्य का जितना काम हुआ था उस हिसाब से भुगतान कर दिया था। चार्ज के दौरान मंैने कोई भुगतान बकाया नहीं रखा था।

इनमें पिछले दिनों के बिल डेट दिखाई गई जिसमें मजदूरों के सीमेंट, गिट्टी, सरिया के बिल गए गए हैं। मजदूरों के नाम पर दो दिन में 42000 रूपये आहरित किए गए तो रेत गिट्टी एवं लोहे के नाम पर पांच लाख पैतालीस हजार रुपए आहरित किए गए हैं। मौके पर सामग्री के नाम पर कुछ नहीं मिला वही दो दिन में चालीस हजार से अधिक के मजदूरी कैसे संभव है और बैक डेट के बिल जब बकाया नहीं थे तो बिल कैसे लगाए गए यह बड़ा सवाल है। सामुदायिक भवन का निर्माण में अभी दिवाले ही खड़ी हो सकी है और पंद्रह लाख में से अभी तक नौ लाख की राशि खर्च हो गई। जबकि अभी टॉप बीम एवं छत पडना बाकी है लेकिन सामुदायिक भवन के नाम पर कुल नौ लाख से अधिक को राशि आहरित हो चुकी है। सामुदायिक भवनों के निर्माण में लगातार भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद कार्यवाही नहीं हो रही। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पंचायत विभाग में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है।

सचिव का तर्क हास्यपद

इस मामले में जब पंचायत सचिव यूसुफ खान से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने स्टॉप डैम का निर्माण कार्य कराया था उसका बिल गलती से सामुदायिक भवन के मद में लग गया परंतु जब हमने इस तथ्य की जांच पोर्टल पर की तो पता चला कि स्टॉप डेम का कार्य पंद्रहवें वित्त की राशि से हुआ जिसका भुगतान एक अन्य पोर्टल के माध्यम से होता है। जबकि सामुदायिक भवन के भुगतान के लिए मद ही अलग है।

इनका कहना है

मैं चेक करवाता हूं आखिर यह कैसे संभव हुआ।

भगवान सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी शाहनगर

Created On :   4 Nov 2025 2:41 PM IST

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