मिठाई पर चढ़ाई चांदी की चम, जांच में निकली एल्यूमिनियम, रिपोर्ट में कहा खाने लायक नहीं

In a probe aluminium layer found on sweets instead of the silver
मिठाई पर चढ़ाई चांदी की चम, जांच में निकली एल्यूमिनियम, रिपोर्ट में कहा खाने लायक नहीं
मिठाई पर चढ़ाई चांदी की चम, जांच में निकली एल्यूमिनियम, रिपोर्ट में कहा खाने लायक नहीं

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मिठाई हो या अन्य कोई व्यंजन इसे स्वादिष्ट के साथ-साथ आकर्षक बनाने के लिए आम तौर पर खाद्य सामाग्री का व्यापार करने वाले किसी न किसी प्रकार की वस्तु या पदार्थ का इस्तमाल सजवाट के तौर पर करते हैं। ठीक इसी प्रकार कुछ विशेष मिठाईयों पर चांदी की तरह चमकने वाली परत चढ़ाई जाती है, जो इसे आकर्षक तो बनाती ही है। साथ ही मिठाईयों को एक अलग स्वाद भी जोड़ती है। इन मिठाईयों के खरीददार शायद ही इस बात से वाकिफ रहते होंगे, कि मिठाई पर चढ़ी चमकीली और आकर्षक दिखाई देने वाली यह परत उनके स्वास्थ्य के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है। लेकिन, कम खर्चा कर घटिया सामाग्री बनाकर ज्यादा मुनाफा कमाने की चाहत रखने वाले ग्राहकों के स्वास्थ्य से शायद ही कोई सरोकार रखते हों।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक मिष्ठान विक्रेता के यहां बिकने वाली मिठाई का सैम्पल फेल हो गया है। खाद्य एवं औषधि अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार, सिहोरा स्थित कामधेनू स्वीट्स में बीते दिनों की गई कार्रवाई के दौरान जो मिठाई का सैम्पल लिया था उसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मिठाई खाने योग्य नहीं है, क्योंकि इसपर चढ़ी चमकीली परत चांदी की न होकर एल्यूमिनियम की है।

खाद्य अधिकारी के अनुसार, एल्यूमिनियम का सेवन करना किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि सैम्पल फेल होने व असुरक्षित मिलने पर अब मामले में आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी। असुरक्षित या ऐसी खाद्य सामाग्री जो खाने योग्य नहीं है, उसे बेचने वालों पर दोष सिद्ध होने की स्थिति में नियमानुसार 6 माह तक की सजा का प्रावधान है।

मिठाईयों में मिली थी फंगस
बीते दिनों हुई कार्रवाई के दौरान सिहोरा की कामधेनु स्वीट्स में बड़ी मात्रा में फंगस लगी मिठाईयां मिली थी। दरअसल, दुकान से एक ग्राहक ने मावा व दूध से बनने वाली डोडा बर्फी खरीदी थी। ग्राहक ने जब घर ले जाकर मिठाई खाने के लिए डब्बा खोला तो उसमें फंगस लगी हुई मिली। इसकी शिकायत एसडीएम कार्यालय में की गई, जिसपर तत्काल कार्रवाई करते हुए तहसीलदार नीता कोरी ने खाद्य एवं औषधि विभाग को जांच करने के लिए कहा था।

सूचना मिलने के बाद जिला मुख्यालय से खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों की टीम जांच करने मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने जब दुकान में मिठाईयों की जांच शुरु की, तो खोवा से बनने वाली अधिकांश मिठाईयों में फंगस लगी हुई मिली थी। इसके बाद खाद्य अफसरों ने मौके पर ही दुकान का फूड लायसेंस निरस्त कर दिया और दुकान को बंद करवा दिया था। वहीं मिठाईयों के सैम्पल लेकर जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा गया था।

Created On :   23 Aug 2018 2:12 PM IST

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