संक्रमण को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जारी किए दिशा-निर्देश

In view of the transition, the Principal District and Sessions Judge issued guidelines
संक्रमण को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जारी किए दिशा-निर्देश
शहडोल संक्रमण को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जारी किए दिशा-निर्देश

डिजिटल डेस्क  शहडोल कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कुछ जरूरी एहतियाती कदम उठाने के लिए भी निर्देशित किया है। अब जिला न्यायालय परिसर का गेट नंबर-1 बंद रहेगा एवं मंदिर के बगल से खुली जगह को पूर्व की भांति अवरुद्ध किया जाएगा। कोर्ट परिसर में अधिवक्ता व संबंधित पक्षकार को छोड़कर किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 
जारी आदेश में कहा गया है कि न्यायालयों में भौतिक सुनवाई के साथ-साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम प्रकरण की सुनवाई की जा सकेगी। जहां तक संभव हो वर्चुअल मोड में सुनवाई के प्रयास किए जाएं। प्रथम रिमांड प्राप्त करने के लिए अभियुक्त को न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित करना अनिवार्य होगा। इसके बाद अभियुक्त की उपस्थिति वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वीकार की जा सकेगी। विशेष परिस्थितियों में न्यायाधीश के आदेश पर ही अभियुक्त को न्यायालय में भौतिक रूप से उपस्थित रखा जाए। न्यायालयों में आपराधिक प्रकरणों में अभियुक्त की ओर से एक ही अधिवक्ता उपस्थित होंगे। इसी प्रकार सिविल प्रकरणों में पक्षकारों की ओर से एक-एक अधिवक्ता उपस्थित होंगे। पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के अतिरिक्त न्यायालय में अन्य बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णत: वर्जित रहेगा। सभी कर्मचारी, अधिवक्ता एवं पक्षकार को मास्क पहनना एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, जिन व्यक्तियों ने कोविड-19 वैक्सीनेशन करा लिया है, उन्हीं को कोविड-19 वैक्सीनेशन का प्रमाण दिखाने पर न्यायालय परिसर में प्रवेश दिया जाए। किसी भी न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारीगण को जिले से बाहर रहने की स्थिति में कत्र्तव्य पर पुन: उपस्थित होते समय आरटीपीसीआर टेस्ट उपरांत निगेटिव रिपोर्ट के साथ कत्र्तव्य पर उपस्थित होना अनिवार्य होगा। थर्मल स्नैकर से जांच के बाद प्रवेश दिया जाए। 

जमानतदार के प्रवेश के लिए लेनी होगी अनुमति 
न्यायालय के अंदर केवल उन्हीं अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को प्रवेश दिया जाएगा, जिनका प्रकरण सुनवाई में लिया जा रहा है। शेष अधिवक्तागण न्यायालय परिसर, न्यायालय के बाहर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए अपने प्रकरण के सुनवाई की प्रतीक्षा करेंगे। बार रूम में भी अधिवक्तागण एवं पक्षकारगण द्वारा मास्क पहनना एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, जमानत संबंधी प्रकरणों में पक्षकार के अलावा अन्य आवश्यक व्यक्ति या जमानतदार के प्रवेश के लिए पीठासीन अधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी। समस्त न्यायालयों में सीआईएस साफ्टवेयर में प्रकरणों की केस प्रोसीडिंग, जजमेंट तथा आर्डर अपलोडिंग का कार्य अनिवार्य रूप से शाम साढ़े ६ बजे तक किया जाए, ताकि समस्त अधिवक्तागण एवं पक्षकारों को प्रकरण से संबंधित जानकारी ऑनलाईन प्राप्त हो सके।

Created On :   15 Jan 2022 3:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story