फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश

Instructions for action according to law after checking fake websites
फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश
फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को निर्देश दिया है कि फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई करें। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ फर्जी वेबसाइट्स की जांच के लिए दायर याचिका का निराकरण कर दिया है। 

फर्जी बेबसाइट्स संचालकों ने सरकार को करोड़ों की चपत लगाई

आइसना के प्रांतीय अध्यक्ष और भोपाल निवासी विनोद मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्होंने 7 फरवरी 2017 को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की थी कि फर्जी तरीके से एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कर कई फर्जी वेबसाइट्स के संचालक विज्ञापन प्राप्त कर रहे है। दो साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं इस मामले में भोपाल सायबर सेल के पुलिस अधीक्षक और भोपाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत की गई थी। सायबर सेल पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि इस मामले में धारा 420, 467, 468 और 120 बी के तहत अपराध किए गए है, लेकिन आईटी एक्ट का उल्लघंन नहीं माना गया। अधिवक्ता मानस मणि वर्मा ने तर्क दिया कि फर्जी बेबसाइट्स संचालकों ने सरकार को करोड़ों की चपत लगाई है। इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को निर्देश दिया कि फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई की जाए।

क्रेडिट सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

जिला उपभोक्ता फोरम ने दी जनरल इंश्योरेंस को-आपरेटिव क्रेडिट सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। फोरम क्रमांक-एक के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव और सदस्य सुषमा पटेल की पीठ ने जमानती वारंट जारी होने के बाद भी हाजिर नहीं होने पर फोरम ने अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर उन्हें 18 सितंबर को पेश करने का आदेश दिया है। प्रकरण के अनुसार उपभोक्ता फोरम ने राइट टाउन स्थित दी जनरल इंशोरेंस को-आपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव को आदेशित किया था कि जबलपुर निवासी अनिल कुमार निगम को 4.45 लाख, अनिल कुमार त्रिवेदी को 70 हजार और राजेन्द्र कुमार मतेले को 1.25 लाख रुपए का भुगतान एक माह के भीतर किया जाए, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। इस मामले में पहले नोटिस जारी किया, फिर अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया, लेकिन दोनों हाजिर नहीं हुए। अधिवक्ता अरुण जैन और विक्रम जैन ने तर्क दिया कि अनावेदक जान-बूझकर आदेश की अवहेलना कर रहे है। इसके बाद फोरम ने अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

Created On :   29 Aug 2019 8:45 AM GMT

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