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Jabalpur News: स्कूलों सेे 100 गज दूरी में तम्बाकू बेचने पर रोक फिर भी यहां दीवारों से सटकर बेच रहे

- सालीवाड़ा स्कूल घटनाक्रम से उठे सवाल, बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
- शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी शिक्षकों को निर्देश जारी किए हैं
Jabalpur News: सालीवाड़ा के पीएमश्री स्कूल में तम्बाकू खाने वाले 22 छात्रों को रेस्टीकेट कर दिया गया। इस कार्रवाई ने शिक्षा जगत में भूचाल ला दिया है। एक साथ इतने सारे छात्र तम्बाकू का सेवन करते पकड़े गए। इसका मतलब वास्तविकता में यह संख्या कहीं अधिक होगी। तम्बाकू को बाकी नशे का प्रवेश द्वार कहा जाता है और इसके बाद शराब, गांजा व अन्य नशे की गिनती शामिल है। बच्चों को यदि स्कूल में ही नशे की लत से मुक्त कर दिया जाए या उन्हें नशे की पकड़ से दूर ही रखा जाए, तो वे एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकार के साथ मिलकर कई नियम तय किए हैं, लेकिन उनका पालन नहीं कराया जा रहा है। सबसे पहला नियम तो यही है कि किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी, जबकि यहां स्कूल-कॉलेजों की दीवारों से सटकर पान-तम्बाकू के ठेले लगे हैं और जमकर बिक्री हो रही है। अब शिक्षा विभाग नए सिरे से कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
वैश्विक युवा तम्बाकू सर्वेक्षण 2019 के अनुसार देश में 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5 प्रतिशत छात्र किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 2019 में संशोधित तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें शैक्षिक संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच तम्बाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों और दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना, उपलब्ध तम्बाकू निवारण सेवाओं और छोड़ने के तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना, तम्बाकू उत्पादों की बिक्री और उपयोग के संबंध में कानूनी प्रावधानों का बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करना व विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक स्थानों पर वैधानिक चेतावनी और नाबालिगों की तम्बाकू तक पहुंच से संबंधित प्रावधानों का पालन कराना शामिल है।
जेजे एक्ट के तहत 1 लाख का जुर्माना
जेजे एक्ट कहता है कि यदि किसी भी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को तम्बाकू उत्पाद बेचा जाता है, तो बेचने वाले पर धारा 77 के तहत 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है और उसे 7 साल की सजा भी दी जा सकती है। इस नियम के तहत शहर में अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। आखिर नियम इतने कठोर हैं तो फिर उनका पालन क्यों नहीं होता, एक बार भी इस नियम के तहत कार्रवाई कर दी जाए, तो बच्चों को तम्बाकू तो क्या सौंफ भी नहीं बेची जाएगी।
शिक्षक चुपचाप नजर रखेंगे
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी शिक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि वे चुपचाप छात्रों पर नजर रखें और यह देखें कि कौन सा छात्र तम्बाकू उत्पादों का उपयोग कर रहा है। इस प्रकार एक सूची बनाई जाए और ऐसे छात्रों के पालकों तक सूचना पहुंचाई जाए। उनके समझाने पर छात्र यदि मानते हैं तो ठीक, वरना स्कूल प्रबंधन उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करे। इसमें स्कूल से निलम्बन और जुर्माना शामिल रहेगा।
Created On :   21 Aug 2025 6:45 PM IST