Jabalpur News: 154 करोड़ खर्च हुए पर केवल मानसून सीजन में बैलेंस रहती है एयर क्वालिटी

154 करोड़ खर्च हुए पर केवल मानसून सीजन में बैलेंस रहती है एयर क्वालिटी
  • शहर में सितंबर के दूसरे सप्ताह से 100 के ऊपर पहुंच जाता है एक्यूआई का आंकड़ा
  • जबलपुर देश के उन 28 शहरों में शामिल है जहां बीते डेढ़ दशक में एयर क्वालिटी खराब हुई है।

Jabalpur News: शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स इन दिनों संतोषजनक आंकड़े दिखा रहा है। चारों हिस्सों में केवल सुहागी अधारताल एरिया में लगा डिजिटल एक्यूआई माॅनिटर 50 से ज्यादा दर्ज हो रहा है। यह मध्यम स्थितियों में माना जाता है। बीते कुछ सालों के यदि वायु गुणवत्ता के शहर में आंकड़े देखें तो केवल सितंबर माह तक ही एक्यूआई 50 से 70 के मान तक दर्ज होता है।

मानसून सीजन में केवल 90 दिनों तक मध्यम और संतोषजनक स्थिति रहती है जैसे ही मानसून खत्म होता है वैसे ही शहर में धूल कण बढ़ने के साथ इसका स्तर ऊपर जाने लगता है। यह स्थिति तब है जब 3 सालों में वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में नगर निगम 154 करोड़ की राशि खर्च कर चुका है। यदि नगर निगम ने पाॅल्यूशन कन्ट्रोल के लिए कराए गए कार्यों की क्वालिटी बेहतर रखी होती तो हालात कुछ और होते।

एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है |सौ या उससे कम एक्यूआई मान सामान्यतः संतोषजनक माने जाते हैं। जब एक्यूआई मान 100 से ऊपर होता है तो वायु गुणवत्ता अस्वस्थ होती है: पहले कुछ संवेदनशील समूहों के लोगों के लिए, फिर एक्यूआई मान बढ़ने पर सभी के लिए नुकसानदायक होती जाती है। एयर क्वालिटी को मुख्यत: छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है। 51 से 100 तक मध्यम, 101 से 150 तक अस्वास्थ्यकारी, 151 से 200 तक अस्वस्थ, 201 से 400 तक पूरी तरह से हानिकारक माना जाता है।

उन शहरों में शामिल जहां एयर क्वालिटी खराब

जबलपुर देश के उन 28 शहरों में शामिल है जहां बीते डेढ़ दशक में एयर क्वालिटी खराब हुई है। शहर को एयर क्वालिटी में सुधार के लिए इसलिए हर साल नीति आयोग की सिफारिश पर फण्ड दिया जाता है। अभी तक 3 साल तक यह फण्ड शहर को दिया जा चुका है। वित्तीय मदद मिलने के बाद भी लेकिन धूल कण, धुआं, वायु की गुणवत्ता जैसे कई मानकों पर शहर खरा नहीं उतर पा रहा है।

यहां मापी जा रही है वायु गुणवत्ता

सिविल लाइन, सुहागी अधारताल, मालवीय चौक मढ़ाताल सिविक सेंटर, रामपुर क्षेत्र, कुल 4 अलग-अलग एरिया में एयर क्वालिटी को मापा जा रहा है। औसत रूप से सबसे ज्यादा मध्य हिस्से मालवीय चौक मढ़ाताल, अधारताल में एक्यूआई ज्यादा दर्ज होता है।

Created On :   19 Aug 2025 5:25 PM IST

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