Jabalpur News: सीधे खेतों में रोड डालकर बनाई जा रहीं काॅलाेनियां, जनता के साथ छल

सीधे खेतों में रोड डालकर बनाई जा रहीं काॅलाेनियां, जनता के साथ छल
प्रशासन की कार्रवाई से मचा हड़कम्प, अब रजिस्ट्री भी होगी शून्य लोगों ने कहा- अफसरों को पहले क्यों नहीं दिखती ये अंधेरगर्दी

Jabalpur News: जिला प्रशासन ने हाल ही में करीब एक सैकड़ा अवैध काॅलाेनियां चिन्हित की हैं, जिनकी रजिस्ट्री शून्य करने के साथ ही नामांतरण में रोक लगाने जिला रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया है। जो कॉलोनियां कार्रवाई के दायरे में आई हैं उनमें ऐसे भी स्थान शामिल हैं, जहां सीधे खेतों में रोड डालकर कॉलोनी का खाका खींच दिया गया है।

एक तरफ धान की फसल लहलहा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ खेत में ही कांक्रीट का बेस नजर आ रहा है। ये सब कुछ एक दम से नहीं हुआ है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब इन काॅलाेनियों का निर्माण हो रहा होता है, तब प्रशासन की नजर इन पर क्यों नहीं पड़ती? क्या इस अंधेरगर्दी के लिए प्रशासन की लम्बी चौड़ी फौज भी जिम्मेदार नहीं है?

नागरिकों का कहना है कि अवैध प्लॉटिंग आदि की निगरानी के लिए प्रशासन के पास बड़ी टीम है। पटवारी से लेकर आरआई, नायब तहसीलदार, तहसीलदार समेत इस स्तर के अन्य अधिकारी हर क्षेत्र में पदस्थ हैं। पटवारी हर हल्के पर नजर रखते हैं। हैरानी की बात ये है कि इन सबके होते हुए खेतों में कांक्रीट की सड़क डाल दी जाती है।

लोगों को प्लॉट बेचकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प कर ली जाती है। उन्हें मझधार पर फंसा दिया जाता है। रजिस्ट्री के दौरान तक इस अंधेरगर्दी पर अफसरों की नजर का नहीं जाना इस बात का प्रमाण है कि पूरा खेल साठगांठ और मिली भगत से चलता है और नुकसान हमेशा निरीह व आम जनता के हिस्से में आ जाता है।

बायपास के आसपास धड़ल्ले से हो रही कच्ची प्लाॅटिंग

जानकारों का कहना है कि इन दिनों कटंगी, पाटन, खजरी-खिरिया बायपास व अन्य क्षेत्रों में बड़ी तेजी से काॅलोनी काटने का काम हो रहा है। जहां बड़े-बड़े खेतों में आधे में खेती, तो आधे हिस्से में कच्ची प्लाॅटिंग साफ नजर आ रही है। कॉलोनाइजर खेत में काॅलोनी के लिए सड़क का निर्माण करा रहे हैं। इस आधे-अधूरे निर्माण के दम पर लोगों को बड़ी और सुंदर काॅलोनी बनाकर देने का वादा कर प्लाॅट बेचे जा रहे हैं, जिनकी रजिस्ट्री तक की जा रही है। इन प्रक्रियाओं के दौरान अधिकारी किसी भी प्रकार की जांच करने जहमत नहीं उठा रहे हैं। प्लाॅट बिकने और आधी-अधूरी काॅलोनी का निर्माण होने के बाद जब लोग यहां की रजिस्ट्री करा लेते हैं, तब प्रशासन की नींद खुलती है।

क्षेत्रीय अधिकारियों से भी हो पूछताछ

जागरूक नागरिकों का कहना है कि काॅलोनाइजरों के लुभावने वादों में आकर आम आदमी अपनी जीवन भर की पूंजी लगाकर किसी तरह एक मकान या प्लाॅट ले लेता है, मगर जब उसे पता चलता है कि जिस काॅलोनी में उसने मकान या प्लाॅट लिया है, वह तो नियम विरुद्ध बनाई जा रही है या शासन के नियमों के विरुद्ध है, तब तक उसके पास पछताने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता, क्योंकि काॅलोनाइजर तो बेचकर निकल जाता है। सवाल ये उठता है कि संबंधित हलके में तैनात जिम्मेदार अधिकारी तुरंत क्यों नहीं जागते? इस मामले में संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों से भी जवाब तलब किया जाना चाहिए।

Created On :   27 Nov 2025 7:04 PM IST

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