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Jabalpur News: नाले के पानी से सब्जियों की सिंचाई पैदा कर रही जानलेवा खतरा

Jabalpur News: शहर के कई हिस्सों में धड़ल्ले से नालों में बह रहे अत्यधिक दूषित पानी का उपयोग सब्जियों की सिंचाई के लिए हो रहा है। यह गंभीर लापरवाही न सिर्फ कृषि मानकों का उल्लंघन है, बल्कि शहरवासियों के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। नाले के जहरीले पानी से उगाई जा रही इन सब्जियों का सेवन कैंसर, किडनी संक्रमण और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है। इस गंभीर मामले पर प्रशासन ने हाल ही में कुछ स्थानों पर कार्रवाई करते हुए नाले से सिंचाई कर रहे मोटर पंपों को जब्त किया है।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सक्षम एजेंसियों के माध्यम से नालों में बह रहे पानी की लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए, ताकि समय-समय पर उसमें मौजूद हानिकारक तत्वों के बारे में पता चल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि सब्जी खरीदते समय अत्यधिक हरी-भरी और बेमौसम की सब्जियों के प्रति सावधानी बरतना चाहिए। सब्जियों को गर्म पानी में अच्छी तरह से धोने और उबालकर खाने की सलाह दी जा रही है।
जहरीला जल, जहरीली सब्जियां
शहर और इससे जुड़े क्षेत्रों में नालों के किनारे के खेतों में सब्जियों की हरी-भरी फसलें उग रही हैं, लेकिन इन फसलों को सींचने के लिए इस्तेमाल हो रहा है गंदा और जहरीला पानी। नाले के इस पानी में सीवेज, डिटरजेंट, भारी धातुएं (हेवी मेटल्स) और खतरनाक बैक्टीरिया की भारी मात्रा हो सकती है। मुनाफे के लालच में मोटर पंप लगाकर रात के अंधेरे में भी सिंचाई की जा रही है और यह दूषित उपज सीधे बाजारों के माध्यम से आम लोगों की थालियों तक पहुंच रही है, जिससे जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
कच्ची सब्जियां ज्यादा खतरनाक
विशेषज्ञों का कहना है कि वे सब्जियां जिन्हें कच्चा या अधपका खाया जाता है, वे सबसे ज्यादा नुकसानदेह हैं। इनमें सलाद वाली सब्जियां जैसे कि टमाटर, हरी मिर्च, हरी प्याज, गाजर, खीरा, पालक आदि को कच्चा खाने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा फास्ट फूड और चाइनीज व्यंजनों में पत्तागोभी का इस्तेमाल अधपका होता है, जिससे यह बीमारी का बड़ा कारण बन सकती है। क्योंकि पालक, गोभी जैसी सब्जियां नाले के पानी से हानिकारक तत्वों को तेजी से सोख लेती हैं।
खाने से बचें, ऐसी सब्जियां
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. सिलास नेल्सन ने बताया कि सीवेज और नाले के पानी से बैक्टीरियल और पैरोसिटिक इन्फेक्शन हो सकता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। ऐसे में उन सब्जियों को खाने से बचना चाहिए, जिनकी सिंचाई नाले या सीवर के पानी से हुई है। इसके अलावा भी सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही खाना चाहिए।
नाले के पानी में संभावित जानलेवा तत्व और उनके प्रभाव
भारी धातुएं - लेड, क्रोमियम, कैडमियम, ये सब्जियों के माध्यम से शरीर में जमा होकर लिवर और हड्डियों को कमजोर करते हैं।
सीवेज और बैक्टीरिया- ई. कोलाई, साल्मोनेला, इनसे टाइफाइड, पीलिया, हैजा और पाचन संबंधी गंभीर बीमारियां होने का खतरा।
डिटरजेंट और रसायन- सोडियम कार्बोनेट, एल्काइल बेंजीन सल्फोनेट, इनसे रक्तचाप बढ़ना, त्वचा संबंधी रोग, गुर्दा संक्रमण और कैंसर सेल्स को बढ़ावा देने का खतरा।
अन्य अशुद्धियां- यूरिया और अन्य रसायन, ये पैदावार बढ़ाते हैं, लेकिन मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
स्वास्थ्य पर तत्काल और दीर्घकालिक असर
तत्काल प्रभाव: डायरिया, उल्टी, दस्त, एलर्जी, त्वचा संक्रमण और पेट से जुड़ी बीमारियां।
दीर्घकालिक प्रभाव: पेट, लिवर या स्किन कैंसर का खतरा, किडनी और लिवर को नुकसान, हड्डियां कमजोर होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी।
आपके एरिया में भी हो रही जहरीली खेती तो भेजें जानकारी
आपके घरों के नजदीक नाले या नालियों के किनारे जहां भी इनके पानी से सिंचित हानिकारक रोगों को पैदा करने वाली सब्जी उगाई जा रही है तो उसकी जानकारी दैनिक भास्कर तक भेजें। वाट्सएप नंबर 9425159689 पर फोटो क्लिक कर भेजें। आपकी पहचान और नंबर पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। भास्कर ऐसी जगह की फोटो प्रकाशित कर प्रशासन से कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा, ताकि जहरीली सब्जी का उत्पादन थमे और आम आदमी को स्वस्थ जीवन मिले, यही हमारा प्रयास है।
Created On :   27 Nov 2025 5:23 PM IST











