Jabalpur News: बाघों की गणना के लिए देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में दिया गया प्रशिक्षण

बाघों की गणना के लिए देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में दिया गया प्रशिक्षण
दिसंबर में होनी है गणना "टाइगर स्टेट' का खिताब रहे बरकरार

Jabalpur News: अखिल भारतीय बाघ आकलन के छठे चक्र के अंतर्गत देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में कम्प्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए 25 एवं 26 नवंबर को वन मंडल कार्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राज्य वन अनुसंधान के वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में योजना के नोडल अधिकारी, मध्य प्रदेश द्वारा निर्धारित 83 वन मंडलों, टाइगर रिजर्व, संरक्षित क्षेत्रों एवं निगम मंडलों के कुल 169 प्रतिभागियों ने भाग लिया। योजना के मुताबिक प्रदेश के सभी वन मंडलों की लगभग 8500 बीटों से शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्य प्राणियों के आंकड़े संग्रहित किए जाएंगे।

मोबाइल एप से होगा डाटा कलेक्शन

इसमें प्रतिभागियों को एम-स्ट्राइप्स, डेस्कटॉप एप्लीकेशन पर प्रशिक्षण दिया गया, जिससे एकत्रित किए गए आंकड़े सटीक रूप में संधारित किए जा सकें एवं संस्थान के माध्यम से भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के टाइगर सेल को प्रदान किए जा सकें। इस दौरान डीएफओ ऋषि मिश्रा, एसएफआरआई के संचालक प्रदीप वासुदेवा, उपसंचालक संदीप फेलोज, डॉ. अनिरुद्ध मजूमदार एवं देहरादून से आए वैज्ञानिक मनीष एवं ओमकार नार विशेष रूप से उपस्थित रहे।

मप्र को प्राप्त है "टाइगर स्टेट' का दर्जा

बता दें कि मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। यह दर्जा वर्ष 2018 में मिला था जब प्रदेश में 526 टाइगर थे। वर्ष 2022 में जब पुन: आकलन हुआ तो टाइगर की संख्या 785 हो गई एवं तेंदुओं की संख्या 3907 दर्ज की गई। अब 2026 में गणना होगी, अभियान की शुरुआत 1 दिसम्बर 2025 से होने वाली है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा आगे भी बरकरार रहने वाला है।

Created On :   27 Nov 2025 6:52 PM IST

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