सेंट्रल जेल के बंदियों के मेडिकल चेक-अप पर जेल अधीक्षक को हाजिर होने का आदेश 

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सेंट्रल जेल के बंदियों के मेडिकल चेक-अप पर जेल अधीक्षक को हाजिर होने का आदेश 

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक को 25 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होकर बताएं कि बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप क्यों किया जा रहा है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने यह निर्देश बुधवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए है। 

केवल 185 बंदियों के आंखों की जांच की

मदनमहल निवासी अधिवक्ता विजयेंद्र चौधरी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सेंट्रल जेल में निरूद्द्ध बंदियों का नियमित रूप से चेकअप नहीं हो रहा है। दैनिक भास्कर के 25 नवंबर 2018 के अंक में प्रकाशित खबर को याचिका का आधार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि 24 नवंबर 2018 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से मेडिकल कॉलेज जबलपुर के चिकित्सकों की टीम ने मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया था। इस शिविर में केवल 185 बंदियों के आंखों की जांच की गई। याचिका में कहा गया कि सेंट्रल जेल में लगभग 2500 बंदी है।

बंदियों को भी स्वास्थ्य सुविधा पाने का संवैधानिक अधिकार

मामले में स्वयं पैरवी करते हुए अधिवक्ता विजयेंद्र चौधरी ने कहा कि जेल में निरूद्द्ध बंदियों को भी स्वास्थ्य सुविधा पाने का संवैधानिक अधिकार है। जेल में निरूद्द्ध बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश दिए है। इसके बाद भी चुनिंदा बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। शेष बंदी स्वास्थ्य परीक्षण से वंचित है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने सेंट्रल जेल जबलपुर के जेल अधीक्षक को 25 जुलाई को हाजिर होकर यह बताने के लिए कहा है कि बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप क्यों नहीं किया जा रहा है।

भाजपा नेता की अग्रिम जमानत पर निर्णय सुरक्षित

हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी विदिशा के भाजपा महामंत्री उपेन्द्र धाकड़ की अग्रिम जमानत पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इसके पूर्व जस्टिस वीपीएस चौहान की एकल पीठ ने आवेदक, आपत्तिकर्ता और राज्य सरकार का पक्ष सुना। अभियोजन के अनुसार जबलपुर निवासी एक युवती ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2013 में वह और उपेन्द्र धाकड़ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से योगा की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान उपेन्द्र धाकड़ ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। वर्ष 2018 तक भाजपा नेता उसका दैहिक शोषण करता रहा। इसके बाद उसने दूसरी जगह शादी कर ली। इस मामले में महिला थाना में उपेन्द्र धाकड़ के खिलाफ धारा 376 और 506 का प्रकरण दर्ज किया है। अग्रिम जमानत आवेदन पर आवेदक की ओर से दलील दी गई कि उसे झूठा फंसाया गया है। आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेन्द्र तिवारी और राजेश कुमार साहू ने तर्क दिया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर युवती का दैहिक शोषण किया है। पुलिस ने आरोपी पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया है। ऐसे में आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ देना उचित नहीं है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने निर्णय सुरक्षित कर लिया है। il

Created On :   25 July 2019 9:02 AM GMT

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