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खतरों की पाठशाला, जिप स्कूलों की 341 कक्षाएं जर्जर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. सरकारी स्कूलों का नाम लेते ही अनगिनत समस्याएं आंखों के सामने दिखाई देती है। भौतिक सुविधा उपलब्ध कराने में शासन असफल होने से विद्यार्थी निजी स्कूलों की ओर रूख करते हैं। गोंदिया जिला परिषद की स्कूलों में ऐसी 341 हैं जो जीर्ण हो चुकी हैं। फिर भी इन्हीं कक्षा परिसर में विद्यार्थियों को बिठाकर शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा। जीर्ण कक्षाओं को देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि, यह स्कूल नहीं खतरों की पाठशाला है। बता दें कि, गोंदिया जिला परिषद की स्कूलों में शिक्षा का पाठ पढ़ने वाले विद्यार्थी हर क्षेत्र में आगे बढ़कर निजी नामांकित स्कूलों के विद्यार्थियों को टक्कर दे रहे हैं, लेकिन जिस तरह से सरकारी स्कूलों में भौतिक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, वह नहीं है। वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों में भौतिक सुविधाओं के साथ विभिन्न शैक्षणिक उपक्रम चलाए जाते हैं। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी शिक्षा के स्तर में आगे बढ़ रहे हैं। गोंदिया जिला परिषद की स्कूलों की हालत इन दिनों अच्छी नहीं हैं। अनेक स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो अधिकांश स्कूलों में शौचालय का अभाव है। ऐसे में एक खबर सामने आई है कि, जिले की स्कूलों में 341 कक्षाएं जीर्ण अवस्था में होकर धोखादायक हैं। जिसकी मरम्मत अथवा नई कक्षा बनाने की आवश्यकता है। आगामी शैक्षणिक सत्र 27 जून से शुरू होने जा रहा है। मजबूरन इन जीर्ण कक्षाओं में विद्यार्थियों को शिक्षा का पाठ पढ़ना होगा, जो उनके लिए किसी खतरे से कम नहीं है।
प्रस्ताव भेजा गया है
जीवनेश मिश्रा, कार्यकारी अभियंता, समग्र शिक्षा अभियान के मुताबिक जर्जर कक्षाओं में से कुछ कक्षाएं अतिरिक्त हैं। जिनकी जरूरत नहीं है। जो कक्षाएं उपयोग में लाई जा रही हैं। उन कक्षाओं की मरम्मत तथा कुछ नई कक्षाएं तैयार करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव व निधि मंजूर होते ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
Created On :   13 Jun 2022 6:47 PM IST