खटुआ हत्याकाण्ड: चेन्नई में पदस्थ डायरेक्टर विजिलेंस को नहीं मिली राहत, अंतरिम राहत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार

Khatua murder case: Vigilance posted in Chennai did not get relief, High court refuses to give interim relief
खटुआ हत्याकाण्ड: चेन्नई में पदस्थ डायरेक्टर विजिलेंस को नहीं मिली राहत, अंतरिम राहत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार
खटुआ हत्याकाण्ड: चेन्नई में पदस्थ डायरेक्टर विजिलेंस को नहीं मिली राहत, अंतरिम राहत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार


डिजिटल डेस्क जबलपुर। देश के हाईप्रोफाईल धनुष तोप बियरिंग मामले से जुड़े खटुआ हत्याकाण्ड में चेन्नई में डायरेक्टर विजिलेंस के पद पर पदस्थ कमल किशोर चित्तोरे को अंतरिम राहत देने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। चित्तोरे को आशंका थी कि जबलपुर पुलिस उसे खटुआ हत्याकाण्ड में गिरफ्तार कर सकती है, इसलिए गिरफ्तारी से बचने उसे अंतरिम राहत दी जाए। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता चाहे तो दंप्रसं की मौजूद अन्य विकल्पों का वह इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही इस मामले की सुनवाई स्व. एससी खटुआ की पत्नी मौसमी खटुआ की याचिका के साथ करने के निर्देश दिए हैं। मामले पर गली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। यह याचिका जबलपुर में 3 जून 2009 से 4 जुलाई 2015 तक पदस्थ रहे कमल किशोर चित्तोरे की ओर से दायर की गई है। फिलहाल ऑफिस ऑफ आर्मर्ड व्हीकल हैडक्वार्टर चेन्नई में डायरेक्टर विजिलेंस के पद पर पदस्थ चित्तोरे का कहना है कि शारदा चरण खटुआ (अब स्वर्गीय) उनके ही अधीन जूनियर वक्र्स मैनेजर के रूप में कार्यरत थे। धनुष तोप में जर्मनी के बजाए चीन में बनी बियरिंग के इस्तेमाल होने का खुलासा होने पर सीबीआई ने एक एफआईआर 19 जुलाई 2017 को जीसीएफ के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की थी। इसके बाद फरवरी माह में शारदा चरण खटुआ की लाश घमापुर पुलिस ने बरामद की थी। आवेदक का दावा है कि 14 जून 2018 को आवेदक के साथ जीसीएफ के 16 अधिकारियों को सीबीआई ने नोटिस जारी किए थे और उनके ही बयानों के आधार पर मृतक शारदा चरण खटुआ को भी इस हाई प्रोफाईल मामले में आरोपी बनाया गया था। इस मामले की मॉनीटरिंग करते हुए हाईकोर्ट द्वारा बरते जा रहे सख्त रूख के बाद जबलपुर पुलिस ने खोजबीन तेज की और याचिकाकर्ता को भी पूछताछ के लिए 5 दिसंबर को नोटिस भेजा। 6 दिसंबर को जबलपुर पहुंचकर याचिकाकर्ता चित्तोरे ने घमापुर थाने में अपने बयान दर्ज कराए। इसी बीच शारदा चरण खटुआ की हत्या के मामले में घमापुर पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने की आशंका को देखते हुए कमल किशोर चित्तोरे की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। 
याचिका में गृह विभाग के प्रमुख सचिव, सीबीआई के डायरेक्टर, डीजीपी भोपाल, सीबीआई जबलपुर के एसीबी और एसपी, जबलपुर एसपी, सीएसपी रांझी, घमापुर थाना प्रभारी, एडीशनल एसपी अमृत मीणा और घमापुर थाने के एएसआई रॉबिन सिंह को पक्षकार बनाया गया है। मामले पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी जेके जैन और राज्य सरकार की ओर से हाजिर शासकीय अधिवक्ता गुलाब कली पटेल व आरबी सिंह को अगली सुनवाई तक पक्ष रखने के निर्देश दिए। साथ ही याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया।

Created On :   4 Jan 2020 7:45 AM GMT

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