कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ीं, अंधाधुध अवैध निर्माण पर नहीं किसी का जोर

Kolkata High Courts order flouted, no ones emphasis on indiscriminate illegal construction
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ीं, अंधाधुध अवैध निर्माण पर नहीं किसी का जोर
सतना कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ीं, अंधाधुध अवैध निर्माण पर नहीं किसी का जोर

डिजिटल डेस्क, सतना। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रशासन की निगरानी में शामिल रघुराज नगर तहसील के लालपुर पंचायत की विचाराधीन भूमि के लगभग २५ एकड़ अंश भाग अंधाधुंध अवैध निर्माण की चपेट में है। सरपंच सुभाष चंद्र साकेत के आरोप के मुताबिक डंके की चोट पर अवैध भवन निर्माण का गोरखधंधा जमकर फल फूल रहा है। अराजकता इस कदर है कि बाहरी अतिक्रमणकारियों में सामूहिक कब्जे की होड़ मची हुई है। 
 तैनात है लिक्विडेटर :--  
जानकारों के मुताबिक किसी जमाने में एशिया के सबसे बड़े लाइम किलन का हिस्सा रही यह भूमि अंग्रेजों से सतना लाइम स्टोन के स्वामित्व में आई। सतना लाइम स्टोन का दिवाला निकला तो मामला कोलकाता हाईकोर्ट के विचारण में आ गया। जुलाई २०११ में एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सायडिंग के इस बड़े भूभाग पर अवैध निर्माण और बेजा उत्खनन पर रोक लगाने के लिए लिक्विडेटर (समापक)   तैनात कर दिया। कोलकाता उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि  लिक्विडेटर सतना के कलेक्टर और एसपी का क्वार्डीनेट कर मौके पर यथा स्थिति सुनिश्चित करें। इस तरह से सायडिंग की भूमि सरकारी निगरानी में आ गई।  आफीशियल लिक्विडेटर को यह जिम्मा भी सौंपा गया कि वह कलेक्टर -एसपी को उच्च न्यायालय के आदेश से भलीभांति अवगत कराएं। 
हौसले क्यों बुलंद : कभी मिला नहीं पुलिस बल :- 
आरोप हैं कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरकारी जिम्मेदारी में शामिल सायडिंग के एक बड़े भूभाग पर अवैध निर्माण और कब्जे पर लगाम लगाने के लिए कभी पुलिस बल नहीं मिला। कलेक्टर और एसडीएम के पुलिस बल मांगने के बाद भी फोर्स उपलब्ध नहीं कराने के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद होते गए। मौके पर ५०० से भी ज्यादा पक्के अवैध निर्माण तान दिए गए। यह सिलसिला दिन रात अभी भी जारी है। 
कमिश्नर का भी स्टे:---
 कोलकाता हाईकोर्ट में सायडिंग की भूमि का प्रकरण विचाराधीन होने और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के जिम्मे होने के बाद भी इस मामले में  नया मोड़ तब आया जब वर्ष २०२१ की १० फरवरी को तबके कलेक्टर ने लालपुर पंचायत की आराजी नंबर २३/३१० से ४२०तक लगभग १७८ एकड़ भूमि शासकीय घोषित कर दी। यानि उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की उक्त भूमियां सायडिंग से काट कर लालपुर पंचायत में जोड़ दी गईं। यह अलग बात है कि मामला रीवा संभाग के कमिश्नर की कोर्ट में गया तो कमिश्नर ने कलेक्टर के फैसले पर स्थगन देकर रोक लगा दी।

Created On :   1 March 2022 11:40 AM GMT

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