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भ्रष्टाचार में फंसे आईएएस की याचिका पर अब तीन जजों की लार्जर बैंच करेगी सुनवाई
जस्टिस संजय यादव की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने मामला अग्रिम कार्रवाई के लिए चीफ जस्टिस को भेजा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे उज्जैन के पूर्व कलेक्टर कवीन्द्र कियावत की याचिका पर दो जजों की बैंच के मत अलग-अलग होने के कारण मामला चीफ जस्टिस को भेजा गया, ताकि अब सुनवाई लार्जर बैंच में हो सके। सुनवाई के बाद जस्टिस संजय यादव का मत था कि याचिका खारिज होने योग्य है, जबकि जस्टिस बीके श्रीवास्तव की राय में मामला सुनवाई के बाद मंजूर होना चाहिए। न्यायाधीशों के मतों में आई भिन्नता के मद्देनजर मामला चीफ जस्टिस को प्रेषित किया गया है।
प्रकरण के अनुसार उज्जैन की हवाई पट्टी के रखरखाव को लेकर हुई गड़बडिय़ों को लेकर लोकायुक्त ने कुल 16 लोगों के खिलाफ वर्ष 2019 में एफआईआर दर्ज की थी। इनमें कवीन्द्र कियावत समेत 5 आईएएस अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के 3 एक्जीक्यूटिव इंजीनियर और यश एविएशन इन्दौर के 8 डायरेक्टरों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों की सूची से नाम हटाए जाने की प्रार्थना करते हुए श्री कियावत की ओर से यह याचिका दायर की गई। आवेदक का दावा है कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर में है, इसलिए उन्हें आरोपी बनाया जाना अनुचित है।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनय गांधी, लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता सत्यम अग्रवाल और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा व उप महाधिवक्ता आशीष बर्नार्ड ने दलीलें रखीं। दोनों जजों के मतों में आए विरोध को देखते हुए यह मामला लार्जर बैंच को भेजने के लिए चीफ जस्टिस को रिफर किया गया है।
Created On :   14 Aug 2020 1:44 PM IST