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शिव के अलौकिक अवतरण का स्मरण दिवस है महाशिवरात्रि- बहिनजी
डिजिटल डेस्क, पन्ना। महाशिवरात्रि का पावन पर्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में बड़े ही आध्यात्मिक रीति से मनाया गया। शिवजी के पूजन के साथ-साथ शिव ध्वजारोहण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया एवं सभी ने दैवी-गुणों को धारण करने की प्रतिज्ञा ली। बहिनजी ने सभी को शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि, शिवरात्रि क्यों मनाते हैं शिवरात्रि निराकार परमपिता परमात्मा शिव के दिव्य अलौकिक जन्म का स्मरण दिवस है। हम इस संसार में किसी का भी जन्मोत्सव मनाते हैं तो उसे जन्मदिवस कहते हैं भले ही वह रात्रि में पैदा हुआ हो, मानव जन्मोत्सव को जन्म-रात्रि नहीं वरन् जन्म-दिवस के रूप में मनाते हैं परन्तु शिव के जन्म-दिवस को शिवरात्रि ही कहते हैं। वास्तव में यहां शिव के साथ जुड़ी हुई रात्रि स्थूल अंधकार का वाचक नहीं है। यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कल्प के अंत के समय व्याप्त घोर अज्ञानता और तमोप्रधानता का प्रतीक है। कलियुग के अंत और सतयुग के आदि के इस संगमयुग पर ज्ञान-सागर, प्रेम व करूणा के सागर, पतित-पावन, स्वयंभू परमात्मा शिव हम मनुष्यात्माओं की बुझी हुई ज्योति जगाने हेतु अवतरित हो चुके हैं। वे साकार प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम द्वारा सहज ज्ञान व सहज राजयोग की शिक्षा देकर विकारों के बंधन से मुक्त कर निर्विकारी पावन देव पद की प्राप्ति कराकर दैवी स्वराज्य की पुन: स्थापना करा रहे हैं। इसलिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय 86 वीं महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत धूमधाम से मना रहा है। इस उपलक्ष्य में श्रीमती शशि परमार भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष, श्रीमती निशा जैन पूर्व प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, श्रीमती मंजूलता जैन, सेवक लाल कुशवाहा संचालक डायमण्ड पब्लिक स्कूल, डॉ. आशीष कुमार खरे, डॉ.निधि जैन,आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। शिव ध्वाजारोहण के पश्चात् नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गयी।
Created On :   2 March 2022 12:23 PM IST