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Panna News: दो माह से दमोह जाने वाले मार्ग पर ब्यारमा नदीं का पुल बंद, दोनों जिलों के लोग हो रहे परेशान, नवीन पुल निर्माण की गति भी कछुआ चाल

Panna News: पन्ना जिला को दमोह जिला से जोडने वाले मार्ग में सिमरिया के आगे गैसाबाद में पडने वाली ब्यारमा नदीं का पुल क्षतिग्र्रस्त होने के कारण इस पर से आवागमन पूर्णत: बंद करते हुए विभिन्न डायवर्टड मार्ग प्रदान किये गये हैं। पुल को बंद हुए दो माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद पुल क्षतिग्रस्त होने से आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। ब्यारमा नदीं पर स्थित पुल दमोह कलेक्टर के आदेशानुसार विगत दो माह से अधिक बीत जाने के बाद भी बंद है। पुल के दोनों तरफ प्रशासन द्वारा मिट्टी डालकर पार बना दी गई है जिस कारण आवागमन बंद है पुल पर केवल पैदल आवाजाही चालू है साथ ही लोगों द्वारा स्वयं की जवाब देही के साथ दो पहिया वाहनों की आवाजाही जारी है। इसके लिए दो पहिया से आने-जाने वाले व्यक्तियों ने पुल के दोनों और पड़ी मिट्टी को हटाकर एक तरफ से रास्ता बना लिया है जिससे दो पहिया वाहन से आवागमन किया जा रहा है। सीधे सिमरिया से हटा-दमोह आवागमन न होने के कारण चार पहिया एवं भारी वाहनों पर प्रतिबंध होने के कारण समूचे परिक्षेत्र की जनता परेशान हैं तथा सिमरिया से हटा जाने के लिए कोनी-सत्ता-सुनवानी-जैतपुर-वर्धा मार्ग से जाना पड़ता है वहीं दूसरे रूट चार्ट के अनुसार सिमरिया से बनौली-हरदुआ-मडवा होते हुए जाना पड़ता है।
उक्त मार्गो से अत्यधिक वाहन निकलने के कारण व इन मार्गों के सडक़ निर्माण की गुणवत्ता घटिया स्तर की होने के कारण पूरी सडक़ के परखच्चे उड गए हैं। यह सडकें प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत बनाई गई हैं जिसमें लगातार भारी वाहनों के आवागमन से इन सडकों में जगह-जगह बडे-बडे गढ्ढे हो गये हैं। जिससे अब इन सडकों पर बडे वाहन तो क्या दोपहिया वाहन भी बमुश्किल चल पा रहे हैं। पुल को क्षतिग्रस्त हुए दो माह से भी अधिक का समय व्यतीत हो चुका है बावजूद इसके निर्मित पुल के निर्माण कार्य में प्रगति नहीं दिख रही है और न ही इस ओर कोई सकरात्मक कार्यवाही देखी जा रही है। पुल मरम्मत के नाम पर केवल एक दो मशीन ही पुल पर रखी है। पन्ना से सिमरिया होते हुए सागर व भोपाल को जोडने वाला यह मुख्य मार्ग है। इस क्षेत्र के अधिकांश छात्र-छात्रायें उच्च शिक्षा हेतु सागर, भोपाल महानगरों की ओर जाते हैं और इस सीधे मार्ग का आवागमन बंद होने से उन्हें काफी चक्कर लगाकर जाना पडता है। जिससे अधिक किराया देने के कारण उन पर आर्थिक बोझ भी पडता है। इतना समय बीत जाने के बाद भी पुल निर्माण के अलावा उचित मार्ग की व्यवस्था व परिवहन साधनों की पर्याप्त उपलब्धता न होने के साथ ही जो मार्ग निर्धारित किये गये हैं उनकी मरम्मत व रखरखाव पर ध्यान न देना निश्चित तौर पर प्रशासन की उदासीनता को व्यक्त करता है। वहीं पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण जिन मार्गों को आवागमन के लिए वैकल्पिक रूप में चुना था उनकी स्थिति भी ठीक नहीं है वह भी क्षमता से अधिक वाहनों के चलने के कारण पूर्णत: नष्ट होने की कगार पर है।
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ग्रामीणों ने निर्माण एजेन्सी व प्रशासन पर लगाये आरोप
वहीं इस संबध में सिमरिया रैकरा निवारी एवं गैसाबाद के ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि निर्माण करने वाली सडक़ एजेंसी व एमपीआरडीसी के अधिकारियों द्वारा साठगांठ कर कर दमोह जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर दमोह-पन्ना मुख्य मार्ग पर स्थित ब्यारमा नदी के पुल को क्षतिग्रस्त घोषित करवा दिया है जबकि पुल के क्षतिग्रस्त होने जैसी कोई संभावना नजर नहीं आती है। लोगों का कहना है कि यदि पुराना पुल क्षतिग्रस्त अवस्था में भी है तो नवीन पुल भी अब तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए। जिसकी जगह केवल दोनों तरफ मिट्टी डाले जाने के अलावा कोई कार्य नहीं किया गया है। जिसके करण जिला प्रशासन की भूमिका संदेहास्पद नजर आ रही है।
प्रशासन से अपेक्षा
समाचार पत्र के माध्यम से क्षेत्रवासियों ने शासन-प्रशासन से अपेक्षा की है कि क्षतिग्रस्त पुल को दुरूस्त कर उसे चालू करवा जाये अन्यथा जो नवीन पुल पुराने पुल के बगल से बना है उसका निर्माण लगभग पूर्ण है उसमें जो जरूरी औपचारिकतायें हैं उस कार्य को पूरा करवाकर पुल को सुचारू रूप से प्रारंभ किया जाये। जिससे पूर्व की भांति वाहनों की आवाजाही बिना किसी व्यवधान के हो सके व आम आदमी का समय व पैसा दोनों की बचत हो सके।
इनका कहना है
हम लोग दमोह तरफ से पुल की एप्रोच रोड बना रहे हैं। पन्ना की ओर से लोक निर्माण विभाग (ब्रिज) को एप्रोच रोड बनाना है। उनका कुछ लैण्ड रिकुचेशन का कार्य चल रहा है जब तक दोनों तरफ से पुल की एप्रोच रोड नहीं बन जाती तब तक पुल का आवागमन शुरू नहीं हो सकता है।
एन.के. बारवे, डिवीजन मैनेजर एमपीआरडीसी
Created On :   27 Oct 2025 3:08 PM IST













