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पशुखाद्य के दाम बढ़ने से संकट में दुग्ध व्यवसायिक और पशुपालक
डिजिटल डेस्क, खामगांव। खेती को पूरक व्यवसाय के तौर पर होनेवाले दुग्ध व्यवसाय अब आर्थिक संकट में आया हैं। पशुधन के लिए लगने वाली कडबी, कुट्टी एवं आदि पशुखाद्य के दाम बड़े पैमाने पर बढ़ने से पशुपालक संकट में आए हैं। धूपकाले के दिन होने से पशुओं को हरा घास भी मिलना मुश्कील हुआ हैं। जिस कारण दुग्ध व्यवसाय करना या नहीं, ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा हैं। तहसील के नागरिकों का खेती यह मुख्य व्यवसाय हैं। लेकिन प्राकृतिक की अनियमितता, बीज, खाद के दाम बढ़ने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।जिस कारण खेती को पूरक व्यवसाय के रूप में कुछ किसानों ने अब पशुपालन की ओर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया हैं। विगत कुछ सालों से तहसील के कई किसानों ने दुग्ध व्यवसाय शुरू किया हैं। जिसके लिए कई किसानों ने बैंक, सोसाइटी, पतसंस्था से कर्ज लेकर मवेशी खरीद लिए हैं। उसी तरह पशुधन के सरंक्षण के लिए गौशाला का भी निर्माण किया हैं। नकद आय मिलता हैं इस लिए किसान पशुपालन कर रहे हैं। लेकिन विगत कुछ दिनों से महंगाई बढ़ गई हैं। उसी में कुट्टी आदि मवेशियों के खाद्य के दाम भी बढ़ गए हैं। जिस कारण दुग्ध व्यवसाय संकट में आया हैं। एक और पशुखाद्य महंगा हुआ तथा दूसरी और दुध के दाम जैसे थें हैं। जिस कारण लाखो रूपए खर्च कर यह व्यवसाय करना पुरता नहीं हैं। वर्तमान स्थिति में कडबी, कुट्टी आदि पशुखाद्य के दामों में वृध्दि हुई हैं। जिस कारण पशुधन के चारे पर बड़े पैमाने पर खर्च करने के बाद उतना आय नहीं मिल रहा हैं। जिसके चलते पशुपालक किसान आर्थिक संकट में घिरे नजर आ रहे हैं।
पशुखाद्य के दाम कम करने की मांग
दुग्ध उत्पादन से पशुओं के चारे पर अधिक खर्च हो रहा है। जिस कारण किसान चिंताग्रस्त हुए हैं। वर्तमान स्थिति में पशुधन के साथ साथ ही पशुओं के चारे के भी दाम बढ़ गए हैं। उस तुलना में दुध के दाम स्थिर हैं। बढ़ती महंगाई के कारण दुग्ध व्यवसाय को फटका बैठ रहा हैं। इस लिए शासन ने पशुखाद्य के दाम कम करने की मांग पशुपालकों व्दारा की जा रही हैं।
Created On :   2 Jun 2022 5:41 PM IST