नगर निगम बताए, उसकी गौशाला पर कैसे काबिज है याचिकाकर्ता?

Municipal Corporation should tell, how is the petitioner in control of his cowshed?
नगर निगम बताए, उसकी गौशाला पर कैसे काबिज है याचिकाकर्ता?
नगर निगम बताए, उसकी गौशाला पर कैसे काबिज है याचिकाकर्ता?

 निर्माण को चुनौती देने वाली नर्मदा मिशन की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, अगली सुनवाई 24 मार्च को
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। तिलवारा किनारे दयोदय सेवा केन्द्र द्वारा अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को नया मोड़ आ गया है। दयोदय सेवा केन्द्र की ओर से याचिकाकर्ता को लेकर की गई प्रारंभिक आपत्ति पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने नगर निगम से जवाब तलब किया है। युगलपीठ ने जानना चाहा है कि नगर निगम की गौशाला पर याचिकाकर्ता नर्मदा मिशन किस आधार पर काबिज हैं। युगलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 24 मार्च को करने के निर्देश दिए हैं।
नर्मदा मिशन व समर्थ गौ चिकित्सा केन्द्र के अध्यक्ष शिव यादव की ओर से दायर इस जनहित याचिका में तिलवारा में नर्मदा तट पर हो रहे निर्माण कार्यों को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप है कि तिलवारा घाट क्षेत्र में दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र गौ शाला द्वारा की जा रही खुदाई व निर्माण कार्य से नदी के प्राकृतिक रास्ते पर असर पड़ेगा। इस बारे में संबंधितों को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। इस मामले पर हाईकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए तट से 3 सौ मीटर के भीतर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। इस आदेश का पालन न होने पर एक अवमानना याचिका भी दायर की गई थी।
मामले पर गुरुवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ कुमार तिवारी, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह और दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व अधिवक्ता सौरभ माखीजा हाजिर हुए। अनावेदकों की ओर से संयुक्त रूप से इस याचिका पर आपत्ति पेश की गई। युगलपीठ को बताया गया कि याचिकाकर्ता नगर निगम की गौशाला पर काबिज हैं और उनको हटाने के आदेश एसडीओ जारी कर चुके हैं। चूंकि हमारा (दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र का) याचिकाकर्ता से आपसी विवाद है, इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस आपत्ति के मद्देनजर युगलपीठ ने नगर निगम को विस्तृत जानकारी पेश करने के निर्देश दिए।
 

Created On :   6 March 2020 1:20 PM IST

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