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नागपुर में संगीत फ्यूजन का अनोखा मंचन : आंखों में चमक और ओजस्वी भाव से लबरेज थे चेहरे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. आंखों में चमक, चेहरे पर ओजस्वी भाव, संगीत की धुन पर लय-ताल के साथ थिरकते पांव, इस अंदाज में जब नृत्यांगनाओं ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी, तो हर किसी ने तालियों के साथ हौसला अफजाई की। स्वर संगम सांस्कृतिक मंच एवं किशोर नृत्य निकेतन की ओर से आयोजित नादसलंगई कार्यक्रम का आयोजन कविवर्य सुरेश भट सभागृह में किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि विभागीय उप-आयुक्त सुधाकर तेलंग एवं दमक्षेसां केन्द्र के उप-संचालक मोहन पारखी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर बी. जयाराम गायन, वायलिन पर हैदराबाद के साईं कुमार, मृदंग पर यशवंत हंपीहोली, खंजीरा पर हैदराबाद के जी. श्रीकंात ने प्रस्तुत दी। शहर के नवोदित कलाकारों ने संगीत फ्यूजन का मंचन किया। इसमें सिथेंसाइजर पर अथर्व राय, गिटार पर रिषभ व्यास, तबला पर अथर्व उपगडे एवं ड्रम्स पर अभिलव शर्मा ने संगत दी।
"गुरूवर्णम' में गुरू शिष्य परंपरा को किया प्रस्तुत
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण "गुरूवर्णम भरतनाट्यम' नृत्य नृत्यांगनाओ ने गुरू शिष्य परंपरा प्रस्तुत किया। जिसको चार भागो मे बांटा गया। एक भगवान कार्तिक तथा भगवान शिव पर आधारित था। जिसमें बताया गया कि गुरू की आयु सीमा नहीं होती। दूसरा भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन में हुआ संवाद दिखाया गया, तथा एकलव्य और द्रोणाचार्य का संबंध भी नृत्यांगनाओं ने प्रस्तुत किया। अंत में स्वामी विवेकानंद एवं रामकृष्ण परमहंस इनपर आधरित संवारी की प्रस्तुति दी गई। साथ में शिव-स्तुति,अल्लारिपू,जावली और कदनकुतूहलं तिल्लाना का भी समावेश था। ड्रिया अग्रवाल, कामाक्षी हंपीहोली, पलक अग्रवाल, डॉ. किशोरी हंपीहोली ने भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत दी। भरतनाट्यम के साथ संगत में नटवांगम पर किशोर तथा डॉ. किशोरी हंपीहोली, गायन पर चेन्नई के गिरीश मेनन, बांसुरी पर पुणे के संजय शशिधरन साथ दिया। कार्यक्रम का संचालन अंकिता देशकर ने किया। संस्था के सतीश दंडे एवं कशोर हंपीहोली ने कलाकारों को सम्मानित किया।
Created On :   16 July 2019 4:23 PM GMT