ननि का दावा - रिज रोड उसके एक वार्ड का हिस्सा, जरूरत के मुताबिक राशि की जा रही खर्च, वाशिन्दे 4 दशकों से दे रहे हैं टैक्स

Nanny claims - Ridge Road is part of one of its wards, Vashinde has been paying tax
ननि का दावा - रिज रोड उसके एक वार्ड का हिस्सा, जरूरत के मुताबिक राशि की जा रही खर्च, वाशिन्दे 4 दशकों से दे रहे हैं टैक्स
ननि का दावा - रिज रोड उसके एक वार्ड का हिस्सा, जरूरत के मुताबिक राशि की जा रही खर्च, वाशिन्दे 4 दशकों से दे रहे हैं टैक्स

निगम के जवाब को रिकार्ड में लेकर हाईकोर्ट ने रिज रोज का एक गेट बंद करने के मामले पर सोमवार को आगे सुनवाई करने दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना संकट के दौरान बीते मार्च माह से रिज रोड का एक गेट बंद किए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर नगर निगम ने अपना जवाब पेश कर दिया है। निगम का दावा है कि रिज रोड उनके ही सुभाष चंद्र बैनर्जी वार्ड का हिस्सा है और वहां पर नालियों व सड़क की देखरेख में आवश्यक राशि खर्च की जाती है। इतना ही नहीं, इस रोड के किनारे रहने वाले वाशिन्दें उसे पिछले 4 दशकों से टैक्स भी दे रहे हैं। निगम की ओर से पेश किए गए इस जवाब को रिकार्ड में लेने के निर्देश देकर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सोमवार को आगे सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सिविल लाईन निवासी अनिल साहनी और दीपक ग्रोवर की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि सेना ने कोरोना संक्रमण के दौरान घोषित हुए लॉकडाउन की आड़ में रिज रोड को आम व्यक्तियों के लिए बीते मार्च  माह से बंद कर दिया है। इस रोड का उपयोग आम जनता द्वारा शुरु से ही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, डुमना एयरपोर्ट तथा सिविल लाईन व सदर आने जाने के लिए किया जाता रहा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 3 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने संतोष यादव की जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए रिज रोड को सुबह 4 से रात 11  बजे तक खोलने के निर्देश दिए थे। इस फैसले के  बाद भी सड़क को बंद किया जाना अवैधानिक है।
मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नगर निगम को जवाब को रिकार्ड पर लेने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी पैरवी कर रहे हैं।

Created On :   23 July 2020 8:44 AM GMT

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