- पहले दिन इंग्लैंड 205 रन पर सिमटा, भारतीय टीम 181 रन से पीछे
- 6 दिन पहले भाजपा में शामिल हुए 88 साल के श्रीधरन CM कैंडिडेट होंगे, विधानसभा चुनाव लड़ेंगे
- अखिलेश यादव का बड़ा बयान, बोले- समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही हटाई जाएगी EVM
- ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स: बेंगलुरु देश का सबसे अच्छा शहर, इंदौर 9वें नंबर पर
सिर पर पत्थर पटककर ननि के प्यून की हत्या

डिजिटल डेस्क जबलपुर । केंट थाना क्षेत्र स्थित बिरमानी पेट्रोल पंप के सामने मुर्गी मैदान के पास सुबह एक व्यक्ति की रक्तरंजित लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुँची पुलिस ने मौके पर देखा कि मृतक के सिर पर पत्थर पटककर उसकी हत्या की गयी है। पास ही कुछ ऐसे सामग्री मिली है जिससे ऐसा लग रहा है कि वहाँ दारू पार्टी हुई थी। जाँच के दौरान मृतक की पहचान 49 वर्षीय ननि के प्यून के रूप में की गयी है। जाँच उपरांत पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार सूचना पर पहुँची पुलिस ने बताया कि मृतक के सिर पर गहरा घाव था और तलाशी लेने पर उसकी जेब से एक कागज की पर्ची बरामद हुई। मौके पर एक थैला भी मिला है जिसमें नगर निगम के कुछ कागज पाए गए हैं और इसमें मौजूद जानकारी में यह मालूम हुआ है कि वह ननि के अधारताल जोन कार्यालय में प्यून के पद पर कार्यरत था। पर्ची के आधार पर उसकी पहचान घमापुर निवासी 49 वर्षीय अरविंद राजपूत उर्फ मिंकी निवासी सरकारी कुआँ घमापुर के रूप में हुई है। पूछताछ के बाद पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उनकी पतासाजी के प्रयास शुरू किए हैं।
साले ने की मृतक की पहचान
पुलिस को मृतक की जेब में मिली पर्ची में एक मोबाइल नंबर मिला, जिसे लगाने पर उक्त नंबर मलखान सिंह का निकला और मलखान सिंह ने मौके पर पहुँचकर मृतक की पहचान अपने जीजा अरविंद के रूप में की। पूछताछ में पता चला कि मृतक की पत्नी मायके में थी और पत्नी जब मायके जाती थी तो वह शराब पीता था। उसका एक 7 साल का बेटा व 4 साल की बेटी है।
साथियों के साथ निकला था
प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आयी है कि वह बीती शाम जोन कार्यालय से डाक लेकर ननि कार्यालय पहुँचा था। वहाँ काम निपटाने के बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ निकला था। संभवत: उसने अपने साथियों के साथ शराब पी और फिर विवाद होने पर उसकी हत्या की गयी। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह किसके साथ सदर पहुँचा था।
अज्ञात आरोपियों की तलाश
* सदर स्थित मुर्गी मैदान के पास सुबह एक रक्तरंजित लाश बरामद की गयी। मृतक की पहचान ननि के प्यून के रूप में की गयी है। उसकी हत्या किया जाना पाए जाने पर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।
विजय तिवारी, टीआई
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।