कैंसर के इलाज में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने कर दी कटौती

New India Insurance Company made a cut in the treatment of cancer
कैंसर के इलाज में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने कर दी कटौती
बीमित का आरोप: जिम्मेदार कर रहे गोलमाल कैंसर के इलाज में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने कर दी कटौती

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी कराना तो आसान है पर बीमार होने पर बीमा राशि प्राप्त करना उतना ही कठिन हैं। अस्पताल में कैशलेस तो दूर की बात है बिल सबमिट करने पर कई तरह की खामियाँ निकाली जाती हैं और उसके बाद भुगतान का दावा करते हुए नो क्लेम कर दिया जाता है। यही नहीं मजबूरन किसी बीमित मरीज को भुगतान करना पड़ता है तो उसके बिलों में कटौती करने में क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम व टीपीए कंपनी पीछे नहीं रहती। बिना कारण बताए बिलों में कटौती करने के बाद किसी तरह का पॉलिसी धारक को जवाब तक नहीं दिया जाता। बीमितों का आरोप है कि सैकड़ों लोगों के साथ बीमा कंपनी का बर्ताव ऐसा ही है और जिम्मेदार विभाग अंकुश लगाने में नाकाम है। यही कारण है कि बीमित न्याय की गुहार लगाने के लिए कंज्यूमर फोरम व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन दे रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर-9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सारे बिल दिए पर पूरा भुगतान नहीं दे रही बीमा कंपनी

रीवा जिले के ग्राम अमरैया निवासी रणवीर सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब हो गया था। स्वास्थ्य खराब होने के कारण रीवा के निजी अस्पताल में चैक कराया तो वहाँ पर बीमारी का खुलासा नहीं हो सका। जबलपुर के निजी अस्पताल में चैक कराया तो पता चला कि उन्हें कैंसर हो गया है। निजी अस्पताल में लगातार इलाज चला और इस दौरान पॉलिसी क्रमांक 12120034210400000371 का कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा कंपनी ने पहले तो कैशलेस में आनाकानी की फिर बाद में बीमा राशि के भुगतान की स्वीकृति दी। बीमित का लगातार इलाज चलता रहा और इस दौरान एक लाख से अधिक का बिल बन गया। बीमा कंपनी ने सारे बिलों को लेने के बाद भुगतान देने का वादा तो किया पर बिलों में कटौती कर दी। इसके चलते बीमित के परिजनों को शेष राशि का भुगतान करना पड़ा। बीमित के परिजन बीमा कंपनी से जानकारी माँग रहे हैं लेकिन टीपीए कंपनी के द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है।

Created On :   17 Sept 2022 4:53 PM IST

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