जेल में होगी नवजात की परवरिश, महिला की उम्रकैद पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

Newborn will be brought up in jail, High court refuses to stop womans life imprisonment
जेल में होगी नवजात की परवरिश, महिला की उम्रकैद पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार
जेल में होगी नवजात की परवरिश, महिला की उम्रकैद पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क जबलपुर । नवजात शिशु की परवरिश को लेकर उम्रकैद की सजा पाई महिला को हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस वीपीएस चौहान की युगलपीठ ने रीवा जेल प्रशासन को कहा है कि सजा काट रही महिला और उसके शिशु की जेल मैनुअल के मुताबिक उचित देखभाल की जाए। इस मत के साथ युगलपीठ ने रीवा जिले के सगरा थानांतर्गत रहने वाली रफीकुन्निसा की सजा पर रोक संबंधी अर्जी खारिज कर दी। रफीकुन्निसा सहित चार को रीवा की जिला अदालत ने 19 दिसंबर 2019 को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ चारों आरोपियों की ओर से एक अपील दायर की गई थी। अपील के विचाराधीन रहते रफीकुन्निसा ने खुद को गर्भवती बताते हुए यह अर्जी दायर की थी। पिछली सुनवाई पर दिए गए निर्देश पर मंगलवार को सरकार की ओर से पैनल अधिवक्ता पीयूष जैन ने युगलपीठ को बताया कि जेल में महिला और उसके नवजात शिशु को लेकर पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं।
8 जमातियों को मिली हाईकोर्ट से जमानत
वीजा की शर्तों और लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में भोपाल की तलैया थाना पुलिस द्वारा बीते 15 मई को गिरफ्तार किए गए कुल 8 जमातियों की जमानत अर्जी जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने मंगलवार को मंजूर कर ली। बिहार के साजिद करीम, करीम उल्लाह, किर्गिस्तान के नूर बेग, कनात बेग, मस्कत उर्फ मकसत, कदरीबीक, उज्बेकिस्तान के कमोलुद्दीन और कजाकिस्तान के मुदियाद को भोपाल पुलिस ने मस्जिद से गिरफ्तार किया था। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अंकित सक्सेना की दलील थी कि इसी मामले को दो आरोपियों को पूर्व में जमानत का लाभ मिल चुका है, इसलिए आवेदकों को भी जमानत का लाभ दिया जाए।
 

Created On :   27 May 2020 8:56 AM GMT

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