विकास शुल्क के नाम पर NMRDA  की मनमानी, देनी होगी NIT से डबल राशि

NMRDAs arbitrariness in the name of development fee, must be given double amount from NIT
विकास शुल्क के नाम पर NMRDA  की मनमानी, देनी होगी NIT से डबल राशि
विकास शुल्क के नाम पर NMRDA  की मनमानी, देनी होगी NIT से डबल राशि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विकास के नाम पर एनएमआरडीए अब NIT से दोगुना शुल्क वसूलने जा रही है। महंगाई की मार झेल रहे नागपुरवासियों पर एक और बोझ पड़ता दिखाई दे रहा है। कुल मिलाकर  नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) अर्थात मेट्रो रीजन क्षेत्र में विकास को लेकर नए सपने संजोने वाले लोगों को विकास महंगा पड़ने जा रहा है। एनएमआरडीए ने मेट्रो रीजन के  नागरिकों से 105 रुपए प्रति वर्ग फीट विकास शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। यदि कोई आउटर रिंग रोड से लगकर रहता है तो उसे 85 रुपए के अनुसार विकास शुल्क भुगतान करना होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो नासुप्र की तुलना में एनएमआरडीए दोगुना शुल्क वसूलने जा रहा है।  


नए सिरे से कार्य का दिया जा रहा हवाला

नासुप्र द्वारा 56 रुपए प्रति वर्गफीट विकास शुल्क वसूला जाता था। इस 56 रुपए के शुल्क का भी विरोध होता रहा है, लेकिन अब एनएमआरडीए द्वारा 105 रुपए विकास शुल्क लेने का निर्णय लेने से ग्रामीण क्षेत्र में विकास भारी पड़ने की चर्चा है। फिलहाल एनएमआरडीए का अपना तर्क है। एनएमआरडीए के आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर ने कहा कि नासुप्र क्षेत्र मंए सड़क या जलापूर्ति नेटवर्क को सिर्फ आगे बढ़ाना था, लेकिन एनएमआरडीए क्षेत्र में नये सिरे से विकास करना है। वहां पाइप लाइन से लेकर सड़क तक नई बिछानी होगी। वहां शून्य से शुरुआत होगी। इसलिए वहां विकास शुल्क ज्यादा लगेगा।


ग्राम पंचायतों में नहीं होगी दखलअंदाजी

एनएमआरडीए आयुक्त डॉ. म्हैसेकर ने इस संदर्भ में कहा कि ग्राम पंचायत यानी गांवठाण क्षेत्र में एनएमआरडीए से निर्माणकार्य संबंधी किसी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। गांवठाण में निर्माणकार्य संबंधी सभी मंजूरी ग्राम पंचायत ही देगी। यदि गांवठाण के बाहर कोई काम करना है तो एनएमआरडीए की अनुमति आवश्यक होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नागपुर मनपा क्षेत्र या वाड़ी, मौदा नगरपालिका में एनएमआरडीए प्लानिंग अथॉरिटी नहीं रहेगी। स्थानीय संस्था ही वहां की प्लानिंग अथॉरिटी रहेगी, लेकिन एनएमआरडीए को कोई प्रोजेक्ट मिलता है तो वह एजेंसी के रूप में काम जरूर करेगा। फिलहाल नासुप्र के 60 कर्मचारियों को एनएमआरडीए में काम पर लगाया गया है।


833 लोगों को दिए गए नोटिस

मेट्रो रीजन क्षेत्र में 2010 से 2017 तक किए गए निर्माणकार्य का एनएमआरडीए सैटेलाइट इमेज के जरिए सर्वेक्षण कर रही है। इस अनुसार उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। एनएमआरडीए के आयुक्त डॉ. म्हैसेकर ने बताया कि 2010 से 2017 के बीच जिन्होंने निर्माणकार्य किया है, ऐसे सभी 833 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। सर्वाधिक निर्माणकार्य बेसा-बेलतरोड़ी में हुए हैं। यह कहना मुश्किल है कि यह वैध है या अवैध। इन्हें नोटिस जारी किया गया है। 


160 ने किया रिप्लाई

अब तक सिर्फ 160 लोगों के जवाब मिले हैं। अन्य लोगों का कोई जवाब नहीं आया है। जरूरत पड़ी तो इनका निर्माण तोड़ा भी जाएगा। हालांकि, सामान्य नागरिकों की बजाय बिल्डरों को इसके लिए दोषी माना जाएगा। प्रशासन से यह भी कहा गया कि अगर कोई बिल्डर एक साथ कई स्कीमों पर काम कर रहा है तो तुरंत उसका काम रोक दिया जाए।
 

 

Created On :   21 Nov 2017 11:52 AM GMT

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