स्टेम सेल से दवा बनाने की किसी को अनुमती नही, मराठी को जल्द मिलेगा अभिजात भाषा का दर्जा

No one is allowed to make drug from stem cell - Yeravar
स्टेम सेल से दवा बनाने की किसी को अनुमती नही, मराठी को जल्द मिलेगा अभिजात भाषा का दर्जा
स्टेम सेल से दवा बनाने की किसी को अनुमती नही, मराठी को जल्द मिलेगा अभिजात भाषा का दर्जा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में मराठी भाषा को जल्द ही अभिजात भाषा का दर्जा मिल जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावडे ने यह उम्मीद जताई है। सोमवार को सदन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य हेमंत टकले और लोकभारती के सदस्य कपिल पाटील ने यह मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में तावडे ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सरकार की तरफ से जनआंदोलन शुरू करने का प्रयास किया गया। इस मांग को लेकर हजारों ईमेल और पत्र भेजे गए। हमने साहित्यअकादमी को मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के लिए इससे जुड़े सबूत दिए। सरकार के प्रयास के बाद साहित्य अकादमी की तरफ से केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन इसी बीच यह मामला मद्रास हाईकोर्ट में मामला चला गया। अब होईकोर्ट ने संबंधित मामले से स्टे हटा दिया है। राज्य सरकार की ओर से पूरी जानकारी भेज दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इसलिए मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिल जाएगा। तावडे ने कहा कि मराठी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए न केवल सरकार बल्कि सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

स्टेम सेल से दवा बनाने की किसी को अनुमती नहीः येरावर

राज्य में बच्चों के गर्भनाल का इस्तेमाल कर दवा बनाने की इजाजत किसी भी कंपनी को नहीं दी गई है। बच्चों के गर्भनाल से रक्त निकालकर जो इलाज किया जाता है वह सिर्फ बच्चे और उसके रिश्तेदारों के लिए होता है। इसका पूरा रिकॉर्ड मौजूद होता है इसलिए इसमें किसी तरह की आर्थिक लेन देन या अवैध गतिविधि का आशंका नहीं है। अन्न व औषधि प्रशासन राज्यमंत्री मदन येरावार ने विधानसभा में यह जानकारी दी। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए शिवसेना के सुनील प्रभू ने राज्य के अस्पतालों में प्रसूति के दौरान माता-पिता की इजाजत के बिना गर्भनाल की दवा बनाने वाली कंपनियों को अवैध बिक्री से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री येरावार ने बताया कि गर्भनाल में मौजूद खून को जमा कर उसका बच्चे या उसके रिश्तेदार के इलाज के लिए एफडीए कोर्ड ब्लड बैंक के तहत मंजूरी देता है। गर्भनाल से दवा बनाने वाली कोई कंपनी फिलहाल महाराष्ट्र में नहीं है। दवा बनाने के लिए लगने वाले कच्चा माल की खरीदारी की इजाजत 32 सरकारी संस्थाओं को इजाजत पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य सेवा संचालनालय ने दी है। लेकिन ये संस्थाएं मुंबई समेत राज्य के किसी भी इलाके के अस्पताल से गर्भनाल नहीं खरीदते। राज्य के किसी अस्पताल द्वारा गर्भनाल इकठ्ठा कर बेचे जाने का भी मामला सामने नहीं आया है। चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी ने कहा कि मुंबई, नई मुंबई और मीरारोड इलाकों में स्टेम सेल की अवैध बिक्री हो रही है। गर्भनाल को लेकर अभिभावकों को जागरूक किया जाना चाहिए। हालांकि सरकार ने मामले में किसी भी तरीके की गड़बड़ी के आरोप खारिज कर दिए।

Created On :   24 Jun 2019 9:51 PM IST

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