- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- बैंकों से पीएमएसबीवाई,...
बैंकों से पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई की बीमा पॉलिसी ही नहीं मिल रही
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्रतिवर्ष प्रीमियम ऑटो डेबिट हो रहा है, पर खाताधारकों को पॉलिसी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यहाँ तक कि उन्हें पॉलिसी के नियमों को भी नहीं बताया जा रहा है। बैंक अकाउंट धारकों का जीवित रहने तक अकाउंट से राशि काटी जा रही है, पर उनकी मौत होने के बाद नियमों का हवाला देकर नॉमिनी को भटकाया जाता है। कई बैंकों में तो सुनवाई तक नहीं होती है। पॉलिसीधारकों का कहना है कि जब नियम सीमित उम्र तक ही क्लेम देने का है तो जीवित रहने तक क्यों बैंक अकाउंट से प्रीमियम काटा जा रहा है। उनका आरोप है कि आम लोगों के साथ बीमा कंपनियाँ सीधे तौर पर लूट कर रही हैं और उन पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया जा रहा है। परेशान होकर बीमित के नाॅमिनी को कंज्यूमर कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
एसयूडी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भटका रही बीमितों को
सुरेश डोरले निवासी नागपुर ने अपनी शिकायत में बताया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत एक दुर्घटना बीमा योजना है, जो 18 से 70 वर्ष की आयु के लोगों के लिए लागू है, जिसमें 2 लाख रुपये का कवर है और प्रीमियम केवल 20 रुपये है। इसी तरह एक अन्य योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना (पीएमजेजेबीवाई) है जो 18 से 50 वर्ष की आयु के लोगों के लिए लागू है, जिसका प्रीमियम 346 प्रति वर्ष है। इस बीमा पॉलिसी में ग्राहक को 2 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है, दोनों योजनाएँ 1 जून से 31 मई तक वैध हैं। सुरेश डोरले सहित अन्य पीड़ितों ने अपनी शिकायतों में आरोप लगाते हुए बताया है कि एसयूडी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ कई बैंकों का अनुबंध है, पॉलिसी दस्तावेज उन्हें या बैंक द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए, पर बैंक अधिकारियों के द्वारा पॉलिसी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यहाँ तक कि वेबसाइट में भी उक्त पॉलिसी डाउनलोड नहीं होती है, जिसके कारण आम लोग परेशान हैं और उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। नॉमिनी को भी पॉलिसी की राशि नहीं मिल रही है और वे लगातार भटक रहे हैं। वहीं इस संबंध में बैंकों के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
Created On :   24 Aug 2022 7:28 PM IST